दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और स्वास्थ्य सचिव एसबी दीपक कुमार को सख्त फटकार लगाई। कोर्ट ने दोनों को चेतावनी देते हुए यहां तक कह दिया कि यदि अवैध पैथोलॉजी लैब्स पर लगाम से संबंधित कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया तो उन्हें जेल भेज दिया जाए जाएगा। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की डिवीजन बेंच ने सौरभ भारद्वाज को इस बात के लिए भी चेतावनी दी कि आप सरकार और स्वास्थ्य सचिव या केंद्र सरकार से झगड़े के बीच कोर्ट का इस्तेमाल मोहरे के रूप में ना किया जाए।
कोर्ट ने कहा कि मंत्री और हेल्थ सेक्रेट्री एकाधिकार स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अगर उसके आदेशों का उल्लंघन जारी रहा तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘ऐसा ना करें नहीं तो आप दोनों जेल जाएंगे। यदि आम आदमी का फायदा होता है तो हमें आप दोनों को जेल भेजने में कोई संकोच नहीं होगा।’ कोर्ट ने कहा कि दोनों भारद्वाज और कुमार सरकारी सेवक हैं जो अपना इगो नहीं छोड़ सकते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता बेजोन कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करे हुए कोर्ट ने दोनों को जमकर फटकार लगाई।
सामाजिक कार्यकर्ता ने इस जनहित याचिका के जरिए राजधानी में बिना क्वालिफाइड टेक्नीशियन के चल रहे अवैध पैथोलॉजी लैब्स और डायग्नोस्टिक्स लैब्स पर रोक लगाने की मांग की थी। गुरुवार को सौरभ भारद्वाज कोर्ट में मौजूद थे। सुनवाई के बीच एक वक्त ऐसा आया जब कोर्ट ने भारद्वाज से नाराजगी जाहिर की। एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन ने कहा, ‘आप सोचते हैं हम कठपुतली हैं और आप हमारा इस्तेमाल करेंगे? आप चेस का गेम खेल रहे हैं और सोचते हैं कि हम आपकी रणनीति में मदद करेंगे? मैंने आपको सावधान रहने को कहा था। हम एक पीआईएल देख रहे हैं और आप कह रहे हैं कि आप हमें ड्राफ्ट बिल देंगे और हमें इसे केंद्र को भेज देना चाहिए? हम राजनेता नहीं है, लेकिन हम जानते हैं कि राजनेता कैसे सोचते हैं।’