यूपी के बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. सजा सुनते ही मुख्तार अंसारी परेशान हो गया. उसने कोर्ट से बोला कि हुजूर मैं बेकसूर हूं. इसके बाद मुंह पर हाथ रखकर सिर झुकाकर बैठ गया. इसके बाद जेल प्रशासन ने मुख्तार को उसकी तन्हाई बैरक में भेज दिया है.
सजा का एलान होने के बाद जेल में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. आपको यह भी बता दें कि मुख्तार को 36 साल पुराने फर्जी लाइसेंस मामले में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उस पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
आपको बता दें कि वाराणसी की MP MLA कोर्ट ने 36 साल पुराने एक मामले में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. जेल के पुष्ट सूत्रों के मुताबिक, सजा सुनते ही मुख्तार अंसारी कोर्ट के सामने बेचैन हो उठा. उसने कोर्ट से गुहार लगाई. ‘हुजूर मैं निर्दोष हूं, मुझे साजिशन फंसाया जा रहा है.’ इसके बाद मुख्तार अपने हाथों से मुंह पकड़कर नीचे की ओर झुक गया.
इसके बाद जेल प्रशासन ने सीधे उसको उसकी बैरक में भेज दिया. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से जोड़ा गया था. इन दिनों मुख्तार अंसारी जेल में परेशान है. कई दिनों से उसका कोई अपना मिलने भी नहीं आया. जेल की तन्हाई बैरक में उसका रहन-सहन भी बदल गया है. कब जागता है, कब खाता है, कब सोता है, यह किसी को नही पता.
इस दौरान बढ़ाई गई जेल की सुरक्षा
पेशी के दौरान मुख्तार की सुरक्षा के लिए जेल अधीक्षक, 3 डिप्टी जेलर और 3 से ज्यादा बॉडी कैम से लैस सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए थे. जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि मुख्तार अंसारी की सुरक्षा व्यवस्था एकदम चुस्त-दुरुस्त है. बॉडी कैम से लैस जवान उसकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं. हर आने जाने वाले व्यक्ति की सीसीटीवी के जरिये लगातार निगरानी की जाती है. जेल में PAC, सिविल पुलिस और जेल पुलिस को मिलाकर कुल 150 से ज्यादा जवान सुरक्षा में तैनात रहते हैं.