राजधानी दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करीब पांच हजार करोड़ रुपए की साइबर ठगी करने वाले आशीष कक्कड़ को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक, आशीष कक्कड़ साइबर ठगी करने वाले एक गैंग का सरगना है। साइबर अपराधों और ऑनलाइन गेमिंग से उसने 4,978 करोड़ रुपए की काली कमाई की थी।
साइबर ठग आशीष कक्कड़ एक बड़े सिंडिकेट का सरगना है। उसने साल 2020 से लेकर 2024 तक ऑनलाइन गेमिंग और दूसरे साइबर अपराधों के जरिए 4,978 करोड़ रुपए की ठगी की। उसका रैकेट किसी एक-दो राज्य में नहीं बल्कि पूरे देश में फैला हुआ है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मिली जानकारी के मुताबिक, आशीष कक्कड़ दिल्ली के ग्रेटर कैलाश का रहने वाला है। उसे ईडी ने 2 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 की धारा 19 के तहत गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था।
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वहीं एक दूसरे मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद के परिवार के कथित ‘करीबी सहयोगी’ अमित कात्याल द्वारा प्रवर्तित एक रियल्टी और शराब कंपनी के खिलाफ धनशोधन जांच के सिलसिले में मंगलवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में विभिन्न परिसरों पर छापे मारे। कात्याल को पिछले वर्ष ईडी ने कथित ‘नौकरी के बदले रेलवे भूमि’ घोटाले में गिरफ्तार किया था। इस घोटाले में प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, बेटी एवं सांसद मीसा भारती एवं कुछ अन्य कथित रूप से संलिप्त हैं।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली, गुरुग्राम और सोनीपत में ‘कृष्ण बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड’ के कुल 27 परिसरों की धनशोधन रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत तलाशी की जा रही है। इस कंपनी के प्रवर्तक अमित कात्याल और राजेश कात्याल हैं। यह कंपनी हरियाणा से संचालित होती है। सूत्रों ने बताया कि ईडी की जांच का संबंध कंपनी के प्रवर्तकों द्वारा घर खरीदारों की 400 करोड़ रुपये की धनराशि की कथित हेराफेरी और उन्हें विदेश में खपाने से है। ईडी ने आरोप लगाया कि अमित कात्याल ने घर खरीदारों की 200 करोड़ रुपये से अधिक रकम श्रीलंका भेजी। सूत्रों के मुताबिक उनके बेटे कृष्ण कात्याल ने अपना भारतीय पासपोर्ट अधिकारियों को सौंप दिया है।