लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार डंके की चोट पर प्रदेश में रामराज्य का दावा करती है. वह रात दिन सभी विभागों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता की माला जपती रहती है. बावजूद इसके योगी की नाक के नीचे भांति-भांति के घपले घोटाले फल और फूल रहे हैं.
ताजा उदाहरण यूपी पॉवर कारपोरेशन में चल रहे घनघोर भ्रष्टाचार का सामने आया है. जहां अपनी चहेती फर्म को ठेका देने के लिए अफसर भांति-भांति के कारनामों को अंजाम दे रहे हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी पॉवर कारपोरेशन ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा 16 जनवरी 2024 को बिड संख्या- GEM/2024/B/4487892 के तहत कंप्यूटर सप्लाई का टेंडर निकाला था. जिसके लिए बाकायदा जेम पोर्टल के थ्रू बिड निकाली गई थी. इस बिड प्रक्रिया में INP टेक्नोलॉजी ने भी हिस्सा लिया था.
इसके बाद कंपनी ने 9 फ़रवरी को एक कोरिजेंडम निकाला जिसमें पहले वाली बिड की शर्तों को बदल दिया गया. जिस आधार पर INP टेक्नोलॉजीज ने बिड भरा था. कंपनी की तरफ से निकाली गई पहली बिड में प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाली कंपनियों से 80 प्रतिशत काम का अनुभव मांगा गया था.
लेकिन बाद के आए कोरिजेंडम में अनुभव की शर्त बदलकर महज 35 प्रतिशत कर दी गई. inp को टेक्निकल ग्राउंड पर सिर्फ इसलिए डिस्कलिफ़ाई कर दिया गया की 80 प्रतिशत एक्सपीरियंस का डॉक्यूमेंट नही लगाया गया था.
इस विषय में INP के निदेशक द्वारा 27 फरवरी 2023 यूपीपीसीएल के चेयरमैन, आईएएस आशीष कुमार गोयल समेत पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कई अधिकारियों को पत्र लिख कर अपनी शिकायत दर्ज कराई लेकिन विभाग ने इसका कोई जवाब नहीं दिया.
इसका मतलब तो यही निकलता है कि विभाग ने पहले से ही तय कर लिया था की किस कंपनी को ऑर्डर देना हैं और उसी अनुसार काम को अंजाम तक पहुंचाया गया.
कुल मिलाकर ये जो भ्रष्टाचार और कागजी हेरफेर ठीक उसी तरह की है जिस तरह चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा को जीत दिला दी गई थी. लेकिन बाद में सीजेआई को आगे आकर चुनाव और लोकतंत्र का चीरहरण होने से बचाया गया था.
आइएनपी टेक्नोलॉजी के निदेशक मनोज दुबे से जब इस विषय में संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि, ‘उन्हें प्रदेश सरकार पर पूरा भरोसा है. उन्हें न्याय जरूर मिलेगा.’
बिड के प्वाइंट 30 को पढ़िए कंपनी में क्या अनुभव मांगा गया था, जिसे बाद में बदल दिया गया.
आइएनपी द्वारा लिखा गया पत्र..