‘काॅन्ग्रेस को दिल्ली में इंसानियत के नाते 1 सीट देंगे’: AAP ने बताई ‘औकात’, गुजरात में माँगा हिस्सा- पंजाब में अकेले ही लड़ेगी

AAP- कॉन्ग्रेस के बीच गठबंधन की बात नहीं बन पा रहीआम आदमी पार्टी (AAP) ने INDI गठबंधन की अगुवा कॉन्ग्रेस को उसकी राजनैतिक हैसियत सार्वजनिक रूप से याद दिलाई है। AAP ने पंजाब में लोकसभा चुनाव अलग लड़ने की घोषणा करने के बाद अब दिल्ली में कॉन्ग्रेस को मात्र एक सीट देने का ऑफर दिया है। इसके साथ ही AAP ने हरियाणा और चंडीगढ़ पर जल्दी बात करने को कहा है।

AAP के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में INDI गठबंधन की असली हालत की पोल खोल दी है। उन्होंने बताया है कि सीट बँटवारे को लेकर कॉन्ग्रेस के साथ AAP की दो बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। ये बैठकें 8 और 12 जनवरी 2024 को हुई थीं। इसके बाद एक महीने तक बैठक नहीं हुई है।

पाठक ने बताया है कि दिल्ली में कॉन्ग्रेस के एक भी सांसद-विधायक नहीं हैं और मात्र 9 पार्षद हैं। ऐसे में डेटा के आधार पर कॉन्ग्रेस की एक सीट भी नहीं बनती है, फिर भी गठबंधन धर्म निभाते हुए AAP एक सीट देगी। AAP ने यह भी धमकी दी है कि अगर कॉन्ग्रेस एक सीट को लेकर नहीं मानती तो वह जल्द ही 6 सीट पर अपने उम्मीदवार घोषित कर देगी।

आम आदमी पार्टी के संगठन महासचिव संदीप पाठक ने दिल्ली में कॉन्ग्रेस को दिए गए एक सीट के प्रस्ताव का आधार मेरिट और डेटा बताया है। पंजाब को लेकर उन्होंने यह भी कहा है कि पंजाब में दोनों पार्टियों के स्थानीय नेताओं की माँग को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग लड़ने का निर्णय लिया गया है।

गौरतलब है कि हाल ही में AAP ने पंजाब में अकेले ही लोकसभा लड़ने का ऐलान किया था। संदीप पाठक ने कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा है कि पंजाब का निर्णय हो गया है तो अब चंडीगढ़ और हरियाणा में भी सीट समझौते पर बातचीत जल्द हो वरना यहाँ भी AAP अपने उम्मीदवार उतारेगी। AAP मात्र दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ ही नहीं बल्कि गुजरात में कॉन्ग्रेस से अपना हिस्सा माँग रही है।

संदीप पाठक ने 2022 गुजरात विधानसभा चुनावों का आँकड़ा सामने रख कर कहा है कि यहाँ AAP की 8 जबकि कॉन्ग्रेस की 18 लोकसभा सीट बनती हैं। ऐसे में इसमें भी बँटवारा किया जाए। गौरतलब है कि INDI गठबंधन में शामिल अधिकाँश दल अब एकला चलो की नीति अपना रहे हैं या फिर भाजपा के नेतृत्व वाले NDA में शामिल हो रहे हैं।

बीते एक माह के भीतर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी से लेकर बिहार में नीतीश कुमार और उत्तर प्रदेश में रालोद INDI गठबंधन से किनारा कर चुकी है। उत्तर प्रदेश में सपा भी कॉन्ग्रेस को कोई ख़ास तवज्जो नहीं दे रही। अब AAP ने भी उसे आँखे दिखाना चालू कर दिया है और उसकी राजनीतिक जमीन की सच्चाई सामने रख कर अपना हिस्सा माँगा है।

मात्र उत्तर भारत में ही नहीं, बल्कि दक्षिण भारत में भी कॉन्ग्रेस का बेड़ा गर्क होता दिख रहा है। आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ सीएम जगन मोहन रेड्डी की YSRCP और विपक्ष के नेता चन्द्रबाबू नायडू की पार्टी TDP, दोनों ही भाजपा से गठबंधन के लिए जोर लगा रही हैं। उधर तेलंगाना में पहले से ही BRS और कॉन्ग्रेस आमने सामने हैं।

कर्नाटक में JDS भाजपा के साथ जुड़ चुकी है। केरल में वामपंथी पार्टियाँ किसी भी समझौते के मूड में नहीं हैं जबकि तमिलनाडु में DMK कॉन्ग्रेस को विशेष भाव नहीं देना चाह रही। उत्तरपूर्व के राज्यों में भी कॉन्ग्रेस की जमीन खिसक चुकी है। ऐसे में AAP का इस गठबंधन से किनारे होना कॉन्ग्रेस के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *