उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई बीजेपी नेताओं की छवि धूमिल करने के लिए फर्जी सीडी पेश करने के मामले में गोरखपुर की कोर्ट ने परवेज परवाज को 7 साल की सजा सुनाई है। जुर्माना भी लगाया है। यह मामला 2007 का है। उस समय परवेज ने लोगों को भड़काकर एक वर्ग की दुकानों पर पथराव करवाया था। बाद में फर्जी सीडी पेश कर बीजेपी नेताओं पर माहौल खराब करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट में मुकदमा दायर करवाया था।
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2007 में जब इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन को फाँसी दी गई तो परवेज ने गोरखपुर भड़काऊ भाषण दिए और मुस्लिम भीड़ इकट्ठी कर शहर में हिन्दुओं की दुकानों पर पत्थरबाजी करवाई थी। इससे पूरे शहर का माहौल खराब हो गया था। इसके बाद उसने गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा नेता शिवप्रताप शुक्ला, राधामोहन दास अग्रवाल और अंजू चौधरी पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए एक फर्जी मामला दर्ज करवाया था।
जाँच में परवेज के दावे सिद्ध नहीं हो सके। न्यायालय ने परवेज से सबूत माँगा तो उसने एक सीडी उपलब्ध करवाई। उसने दावा किया कि इस सीडी में इन नेताओं के भड़काऊ भाषण हैं। इस सीडी को जब फॉरेंसिक जाँच के लिए भेजा गया तो यह फर्जी निकली और पाया गया कि भाषणों से छेड़छाड़ की गई है।
इस मामले में भाजपा के पूर्व एमएलसी स्वर्गीय वाईडी सिंह ने परवेज के विरुद्ध पार्टी नेताओं की छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवाया था। इसी से जुड़े मामलों में न्यायिक मजिस्ट्रेट आदर्श श्रीवास्तव ने उसे सजा सुनाई है। एक मामले में उसे पाँच वर्ष और दूसरे में सात वर्ष की सजा सुनाई गई है। दोनों सजाएँ साथ चलेंगी। उसके ऊपर ₹10,000 का जुर्माना भी लगाया गया है।
गौरतलब है कि परवेज पहले से ही दुष्कर्म के एक मामले में जेल में बंद है। उसे कोर्ट ने इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।