आगामी लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार अब यूपीए सरकार के कार्यकाल की विफलताओं को देश के सामने सामने रखने की बड़ी रणनीति तैयार कर रही है. केंद्र सरकार इस संबंध में शुक्रवार या शनिवार को एक ऐसा श्वेत पत्र ला सकती है जिसमें पूर्व की यूपीए सरकार की गलत नीतियों पर फोकस किया जायेगा. साल 2004 से 2014 के बीच केंद्र में डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए सरकार का शासन था. मोदी सरकार इन 10 सालों के कथित आर्थिक कुप्रबंधन पर श्वेत पत्र ला सकती है.
जानकारी के मुताबिक वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन अपने बजट पर जवाबी भाषण के दौरान ही इस श्वेत पत्र को जारी कर सकती हैं. इस श्वेत पत्र में यह बताने की कोशिश होगी कि यूपीए शासनकाल के दौरान मनमोहन सरकार की गलत नीतियों के चलते अर्थव्यवस्था पर कितना बुरा असर पड़ा था.
एक दिन के लिए बढ़ाया गया सत्र
जानकारी के मुताबिक संसद का सत्र एक दिन के लिए इसी वजह से ही बढ़ाया गया है. श्वेत पत्र में यूपीए सरकार के दौरान आर्थिक कुप्रबंधन पर जोर दिया जायेगा और इसके जरिये भारत की आर्थिक समस्याओं के साथ-साथ अर्थव्यवस्था पर पड़े उसके नकारात्मक प्रभावों पर भी विस्तार से फोकस किया जाएगा. हालांकि चर्चा इस बात को लेकर भी है कि इस श्वेत पत्र में उस वक्त उठाए जा सकने वाले सकारात्मक कदमों के असर के बारे में भी बात की जाएगी.
मोदी सरकार ने कांग्रेस पर किया हमला
मोदी सरकार श्वेत पत्र ऐसे समय में लेकर आ रही है जब प्रधानमंत्री ने संसद में कांग्रेस पार्टी पर जोरदार हमला बोला था. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी के परिवारवाद को निशाने पर लिया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के परिवारवाद से देश ही नहीं बल्कि खुद पार्टी के कई नेता भी त्रस्त रहे हैं. देश आज उसका खामियाजा भुगत रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान देश में महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी के लिए भी कांग्रेस और उसके शासन काल की नीतियों पर निशाना साधा. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि महंगाई को लेकर जो दो सबसे मशहूर गाने बने- महंगाई मार गई और महंगाई डायन खाय जात है- ये दोनों गाने कांग्रेस के शासन काल की उपज है.