जहाँ एक तरफ मल्लिकार्जुन खड़गे को I.N.D.I. गठबंधन का अध्यक्ष बना दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ बिहार सरकार के पोस्टर से उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही गायब कर दिए गए हैं। नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन का संयोजक नहीं बनाया गया। अब मीडिया में खबर तैर रही है कि उन्होंने खुद ही ये पद ठुकरा दिया है। हालाँकि, ये सभी जानते हैं कि इतने दिनों से नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनने के लिए लगातार हाथ-पाँव मार रहे थे।
असल में बिहार की राजधानी पटना में शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के दूसरे चरण की तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं, जिसे लेकर जगह-जगह बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं। इनमें CM नीतीश कुमार की तस्वीर तो है, लेकिन तेजस्वी यादव को गायब कर दिया गया है। जबकि सोशल मीडिया पर RJD और इसके समर्थक तेजस्वी यादव को ही बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति का क्रेडिट देते रहे हैं। पटना में लगाए गए होर्डिंग्स में बिहार में 10 लाख नौकरियों के वादे को पूरा किए जाने का दावा किया जा रहा है।
इन पोस्टरों में ‘रोजगार का मतलब नीतीश कुमार’ लिखा है। वहीं तेजस्वी यादव का नाम ‘विशिष्ट अतिथि’ में डाल दिया गया है। जदयू नेता छोटू सिंह ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सब कुछ नीतीश कुमार ही कर रहे हैं तो उनका नाम लिख कर क्या गलत किया गया है। उधर शनिवार (13 जनवरी, 2024) को I.N.D.I. गठबंधन की वर्चुअल बैठक में कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को विपक्षी गठबंधन का अध्यक्ष भी चुन लिया गया है।
हालाँकि, इस बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और TMC की मुखिया ममता बनर्जी मौजूद नहीं रहीं। उन्हें इस निर्णय के बारे में सूचित कर दिया गया है। जदयू नेता संजय झा का कहना है कि नीतीश कुमार ने संयोजक पद ठुकराते हुए किसी कॉन्ग्रेस नेता को ये पद देने की पेशकश की है। इस बैठक में सीट शेयरिंग के अलावा राहुल गाँधी की आगामी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर भी चर्चा हुई। शरद पवार और MK स्टालिन जैसे नेता भी इस बैठक में शामिल हुए।