कर्नाटक के हावेरी जिले में एक मुस्लिम महिला का गैंगरेप करने का मामला सामने आया है। कुल 7 आरोपितों में से 3 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार (12 जनवरी 2024) को इस संबंध में जानकारी दी। दरअसल, जिले के हंगल इलाके के एक होटल में मुस्लिम महिला अपने हिंदू पुरुष मित्र के साथ थी। इसको लेकर आरोपितों ने दोनों पर हमला कर दिया था।
इसके बाद आरोपितों ने होटल में महिला और पुरुष के साथ मारपीट की थी और बाद में महिला को अपने साथ बाइक पर बैठक एक जंगल में लेकर चले गए थे। वहाँ तीन अलग-अलग जगहों पर उनके साथ बारी बारी से गैंगरेप किया था। इसके बाद इनमें से तीन आरोपितों ने उसे कार में बैठाकर एक बस स्टैंड पर छोड़ दिया था। इसको लेकर कई वीडियो भी सामने आए हैं।
पहले वीडियो में मुस्लिम महिला और हिंदू पुरुष पर हमला करते हुए हमलावर दिख रहे हैं। इसमें वे उन्हें गंदी-गंदी गालियाँ दे रहे हैं। वहीं, दूसरी वीडियो में महिला के साथ एक जंगली क्षेत्र में बदतमीजी करने का वीडियो सामने आया है। तीसरी वीडियो में कार में महिला के साथ बदतमीजी का करते हुए आरोपित दिख रहे हैं, जबकि एक अन्य वीडियो में पीड़ित महिला इन पर गैंगरेप का आरोप लगाते दिख रही है।
वहीं, मामला दर्ज कर पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं पीड़िता को मेडिकल कराया गया और उसका बयान दर्ज कराया गया। अपने बयान में पीड़ित ने बताया कि उसका अपहरण करने के बाद 7 लोगों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। पीड़िता ने कहा कि इस दौरान आरोपितों ने उसे जान से मारने की कोशिश भी की।
इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज करके तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपितों में 24 साल का आफताब मकबुल अहमद चंदनकट्टी, 23 साल का मदारसाब मोहम्मद इसाक मंदक्की और 28 साल का ऑटो चालक अब्दुल खादर जाफर साब हंचिनमनी शामिल हैं। वहीं, चौथे आरोपित का अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसे बाद में गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस के मुताबिक, चौथे आरोपित मोहम्मद सैफ सविकेरी की बाइक बालुर के पास एक गाड़ी के टकरा गई थी। इससे उसके पैर में चोट आई गई है। उसकी सर्जरी की जा रही है और ठीक होने के बाद उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वहीं, पुलिस का कहना है कि अन्य आरोपितों की तलाश के लिए लगातार दबिश दी जा रही है।
जिले के एसपी अंशू कुमार ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ गैरकानूनी सभा, दंगा भड़काने, आपराधिक धमकी देने, चोट पहुँचाने और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुँचाने के इरादे से उनके खिलाफ हमला या आपराधिक बल प्रयोग के तहत दर्ज किया गया था। हालाँकि, महिला के बयान के बाद इसमें गैंगरेप का मामला भी जोड़ दिया गया है।
इस केस को लेकर कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बसावराज बोम्मई कहा, “मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जो मॉरल पुलिसिंग के बारे में बहुत बात करते हैं, वे इस विशेष घटना पर चुप क्यों हैं? क्या इसलिए कि उपद्रवी अल्पसंख्यक समुदाय से थे? सिद्धारमैया इस घटना पर अपना रुख साफ करें।”
उन्होंने आगे कहा, “हम इसे संजीदगी से लेने जा रहे हैं और मैं चाहता हूँ कि पुलिस इस पर स्वतंत्र रूप से और विवेकपूर्ण ढंग से काम करें। उन्हें तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन हर किसी को गिरफ्तार नहीं किया। तुरंत एक्शन लिया जाए किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए। चाहे वो सत्ता पक्ष से हो या विपक्षी पार्टी से”
राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने कहा, “लोगों में खौफ नहीं है। सीएम केवल राजनीति और लोकसभा चुनाव के बारे में सोच रहे हैं, लोगों के बारे में नहीं।” बीजेपी नेता सी.टी. रवि ने बेंगलुरु में पत्रकारों से कहा, “कुछ मंत्री सोचते हैं कि अगर अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य बलात्कार जैसे अपराध करते हैं तो यह ठीक है।”