दिव्या नौटियाल
एशिया की मजबूत टीम कही जाने वाली पाकिस्तानी टीम इस वक्त काफी बुरे दौर से गुजर रही है। विश्व कप में भी उसका प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा। इतना ही नहीं खिलाडिय़ों का आपसी विवाद इस टीम का बेड़ा गर्क कर रहा है। बाबर आजम को कप्तानी से हटा दिया गया और नये खिलाड़ी शान मसूद को पाक टीम की कमान सौंपी गई जबकि उधर पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड में काफी बदलाव किया गया है। टीम में युवा खिलाडिय़ों की भरमार है लेकिन मैदान पर अभी तक इन युवा खिलाडिय़ों का जोश देखने को नहीं मिला। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई पाकिस्तानी टीम वहां की तेज पिचों के आगे कमजोर साबित हुई है। एमसीजी टेस्ट में उसे हार का मुंह देखना पड़ा जबकि बॉक्सिंग डे टेस्ट में उसको एक बार फिर पराजय झेलनी पड़ी। एक वक्त था जब एशिया की सबसे मजबूत टीमों में से एक थी पाकिस्तानी क्रिकेट टीम। यहां के तेज गेंदबाज दुनिया भर के बल्लेबाजों के लिए बड़ा सिरदर्द होती है लेकिन मौजूदा वक्त में पाकिस्तानी टीम अब बेहद कमजोर हो चुकी है।
कंगारुओं ने पाकिस्तान खिलाफ मेलबर्न टेस्ट मैच में 79 रनों से विजय हासिल की। 317 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तानी टीम खेल के चौथे दिन (29 दिसंबर) 237 रनों पर ढेर हो गई। ये हार काफी बड़ी मानी जा रही है क्योंकि पाकिस्तानी टीम की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसकी धरती पर यह लगातार 16वीं हार रही। इतना ही नहीं पाकिस्तानी टीम ने ऑस्ट्रेलियाई धरती पर 28 साल से कोई टेस्ट मैच जीत नहीं सकी है। पाकिस्तान को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसकी धरती पर आखिरी टेस्ट जीत का स्वाद 1995 में चखा था जब वसीम अकरम की कप्तानी में पाकिस्तान टीम ने ऑस्ट्रेलिया को सिडनी टेस्ट में 74 रनों से पराजित किया था। पाकिस्तानी टीम की लगातार हार से एशिया क्रिकेट इसका असर देखने को मिल रहा है। दूसरी तरफ बांग्लादेश जैसी टीम भले ही कीवियों के खिलाफ सीरीज न जीत पा रही हो लेकिन उसने अभी तक शानदार क्रिकेट खेली है। न्यूजीलैंड दौरे पर बांग्लादेश ने तीन मैचों की टी-20 की सीरीज बराबर कर साबित कर दिया उसकी नई टीम एशियाई क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए तैयार है तो दूसरी तरफ अफगानिस्तान क्रिकेट भी बेहतर क्रिकेट खेलता हुआ नजर आ रहा है। उसने विश्व कप में कई चौंकाने वाली जीत हासिल की थी। अफगानिस्तान जैसा देश इस वक्त काफी उठापटक के दौर से गुजर रहा है लेकिन क्रिकेट की दुनिया में अफगानिस्तान एक अलग मुकाम बना रहा है। पाकिस्तान को इन टीमों से सीखना चाहिए।