संविधान का मूल आधार है गीता, हिंदू के कारण देश सेकुलर: कुरुक्षेत्र में बोले असम CM, श्रीकृष्ण को बताया ‘दामाद’

असम, अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023, हिमंता बिस्वा सरमा, कुरुक्षेत्रअसम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गीता जयंती पर भगवान कृष्ण और असम के बीच संबंध पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा- “हम भगवान कृष्ण को हमारे दामाद मानते हैं, ये लंबा संबंध रहा है क्योंकि भगवान ने असम की बेटी रुक्मिणी से शादी की थी, इसलिए कृष्ण के साथ हमारा जो संबंध है वो दामाद का है।”

शनिवार (23 दिसंबर,2023) को वो हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पुरुषोत्तमपुरा बाग, ब्रह्म सरोवर के अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 में शिरकत करने पहुँचे थे। आज यहाँ असम की सांस्कृतिक प्रस्तुति का दिन है।

उन्होंने आगे कहा कि गुजरात के माधेपुर में भी जब कृष्ण रुक्मिणी की शादी को हर साल मनाया जाता है तो वह असम से वहाँ जाते हैं। उन्होंने कहा जहाँ भी भगवान कृष्ण की चर्चा होती है वहाँ हमारी उपस्थिति एक प्रकार से अनिवार्य हो जाती है।

पीएम मोदी के नेतृत्व में अधर्म पर धर्म का शासन हो

सीएम हिमंता सरमा ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में अधर्म पर धर्म का शासन बने। ये हालात देश में बन रहे हैं। मेरा मानना है कि गीता महोत्सव में जो वाणी हर साल निकलती है उससे हमारी भारत की सभ्यता की बुनियाद और मजबूत होगी और हम इसे और आगे लेकर जाएँगे।”

भारत के संविधान गीता से प्रेरित देश सेक्युलर है

सीएम हिमंत सरमा ने कहा कि कभी-कभी ब्रिटिश लोग सोचते हैं कि वो भारत को बना कर गए हैं। हमारे भी कई लोगों के मन में कॉन्सेप्ट है कि 1947 में भारत का जन्म हुआ था, लेकिन हम सबको मालूम है कि जो 1947 वाली बात है ये एक राजनीतिक एकता की बात थी।

उन्होंने आगे कहा, “राजनीतिक भारत के पहले सांस्कृतिक भारत पाँच हजार साल पहले से है, इसलिए हम ये मानकर चलते हैं कि भारत महज एक देश नहीं है। भारत एक सभ्यता का देश है। उन्होंने कहा, “मैं संविधान को मानता हूँ क्योंकि भारत के संविधान का मूलाधार भगवत् गीता और वेद से प्रेरित है।”

उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत का संविधान सभा में हिंदू लोग नहीं होते तो संविधान का स्वरूप जो आज है वो वैसा नहीं होता। हिंदू मानते हैं वसुधैव कुटुम्बकम, हिंदू मानते हैं सर्व धर्म समभाव इसलिए आज भारत का संविधान सेक्युलर है धर्मनिरपेक्ष है।

उन्होंने आगे कहा, “हमारी जो भारत की संस्कृति है वो एक तरह से कृष्ण की संस्कृति है। जैसे कृष्ण ने गीता का वाणी दिया। देश को संदेश दिया, मानव जाति को संदेश दिया। ये संदेश आज भी हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज भी हमारे लिए मूलभूत है।”

सीएम सरमा बोले भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कर्मयोग के बारे में बताया, ज्ञान के और भक्ति मार्ग के बारे में बताया। इस आधुनिक युग में जहाँ हम पहुँचे इस युग में भी अगर हमें शांति चाहिए और हमें सच में अपना विकास चाहिए तो हमें निष्काम कर्म के बारे में सीखना और जानना चाहिए।

देश सेवा केवल तनख्वाह के लिए हो तो…

उन्होंने आगे कहा, भगवान कृष्ण ने गीता में ये भी उपदेश दिया है कि जिस काम में भक्ति नहीं है वो काम कभी भी सतकाम नहीं हो सकता है। अगर हम शिक्षा लेते हैं और उसमें भक्ति नहीं होती है, अगर हम देश की सेवा करते और वो बगैर भक्ति के केवल तनख्वाह के लिए करते हैं तो वो सेवा कभी सफल नहीं होती है।

इस दौरान उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के उपदेश को समाप्त करने से पहले अर्जुन का बताया था कि आपको मैं जो काम करने के लिए उत्साहित कर रहा हूँ मैं सब पहले ही कर चुका हूँ आप खाली एक निमित्त है। हम यहाँ मौजूद है इसमें भी परमात्मा की इच्छा है। हर काम उसकी इच्छा से होता है हम केवल उसके प्रतिनिधि हैं।

18 हजार बच्चों ने गीता पाठ किया

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में 18 हजार बच्चों ने गीता पाठ किया। बच्चों ने एक साथ अष्टादश श्लोक गीता का भी पाठ किया। इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि बच्चों में संस्कार तभी आएँगे, जब बच्चे गीता के हर श्लोक अपने भीतर आत्मसात कर लेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों के गीता के संस्कार दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “श्रीमद्भगवत गीता’ की छोटी प्रति हम अपनी जेब में रख लें तो इसका भी हमारे जीवन में बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मैं भी अपनी जेब में ‘गीता’ की प्रति साथ रखता हूँ।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *