इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक दिल्ली के अशोका होटल में हुई. इस बैठक में विपक्षी दलों के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि INDIA गठबंधनों के बीच सीट शेयरिंग राज्य स्तर पर होगी. अगर कहीं ये फॉर्मूला काम नहीं करता है, तो हम सभी इस मामले पर मिलकर फैसला लेंगे. लेकिन इस बीच यह भी खबर आई कि ममता बनर्जी की पार्टी सीट शेयरिंग को लेकर कुछ नाराज रही.
जानकारी के मुताबिक टीएमसी खुश नहीं थी क्योंकि कांग्रेस ने अभी तक बंगाल में सीट बंटवारे पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है. इसके बाद TMC समेत INDIA गठबंधन के कई दलों ने सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देने के लिए 31 दिसंबर तक की डेडलाइन तय की है.
‘300 सीटों पर लड़े कांग्रेस’
बैठक में टीएमसी ने प्रस्ताव दिया कि कांग्रेस को करीब 300 सीटों पर लड़ना चाहिए, जहां उसकी सीधी लड़ाई बीजेपी से है. बाकी सीटों पर कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टियों को समर्थन देना चाहिए. टीएमसी, जेडीयू समेत कई पार्टियों ने प्रस्ताव दिया कि सीट बंटवारे पर 31 दिसंबर तक मुहर लगाई जाए.
बैठक में नीतीश कुमार ने जल्द से जल्द सीट शेयरिंग पर फोकस करने की बात कही. इस बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने खड़गे को पीएम उम्मीदवार बनाने के लिए अरविंद केजरीवाल, उद्धव और अन्य से चर्चा की है. अरविंद केजरीवाल ने दलित पहलू पर तर्क देते हुए ममता बनर्जी के प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन किया.
ममता के प्रस्ताव से नाराज हो गए नीतीश और लालू
हालांकि INDIA गठबंधन की बैठक में जैसे ही ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रधानमंत्री उम्मीदवार के लिए लिया, तो इसको लेकर लालू प्रसाद और नीतीश कुमार नाराज हो गए. मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रस्तावित किए जाने से नाराज लालू और नीतीश गठबंधन की बैठक से जल्दी निकल गए और प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी शामिल नहीं हुए. गौरतलब है, लालू ने कुछ दिन पहले ही नीतीश कुमार के समर्थन में बयान दिया था और कहा था कि नीतीश कुमार के सामने कोई चुनौती नहीं है.
सीट शेयरिंग फाइनल होने के बाद ही बुलाई जाए अगली बैठक- नीतीश
जेडीयू सूत्रों की मानें तो INDIA गठबंधन की बैठक में नीतीश कुमार बोले कि जनवरी तक सीट बंटवारा फाइनल होने के बाद ही अगली बैठक बुलाई जाए. उन्होंने कहा, सीट बंटवारा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार किया जाए. राज्यों में प्रचार की रणनीति तय हो जानी चाहिए.
प्रेस कॉन्फ्रेंस से क्यों चलें गए नीतीश
उन्होंने कहा कि 5 राज्यों में गठबंधन के साथ लड़ते तो नतीजे अच्छे आते. JDU की ओर से कहा गया है कि आज की बैठक में बताने के लिए बहुत कुछ नहीं था. इसलिए नीतीश कुमार साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नहीं रहे.
30 जनवरी को गांधी मैदान में रैली का प्रस्ताव
सूत्रों की मानें तो शिवसेना यूबीटी ने प्रस्ताव दिया है कि महाराष्ट्र सीट बंटवारे को दिल्ली में ही सुलझाया जाना चाहिए. इसके अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा ने झारखंड के लिए राज्य स्तर पर निर्णय लेने को कहा है. इसके अलावा गांधी जी के शहादत दिवस (30 जनवरी) पर पटना के गांधी मैदान में बड़ी रैली करने का प्रस्ताव रखा गया है.
बैठक में राम मंदिर पर भी हुई चर्चा
इस बैठक में अयोध्या मंदिर का मुद्दा उठने पर नेताओं ने चर्चा की कि बीजेपी इसका इस्तेमाल लोगों पर प्रभाव डालने के लिए कर सकती है. तुष्टीकरण की रणनीति का मुकाबला करने की जरूरत है. इसलिए गठबंधन को रणनीति तैयार करने की जरूरत है. बैठक में कहा गया कि हमें जनता के बीच विश्वास पैदा करने के लिए राज्य दर राज्य जाना चाहिए और उन्हें अपने गठबंधन के बारे में बताना चाहिए. कुछ नेताओं ने विधानसभा चुनाव के नतीजों पर भी सवाल उठाया और कहा कि अगर हमने संयुक्त रैली की होती तो शायद ऐसा नहीं होता.
इंडिया गठबंधन की मीटिंग में EVM पर भी चर्चा हुई. बैठक में कहा गया कि हमें वीवीपैट के लिए दबाव डालना चाहिए. ईवीएम मुद्दे पर इसके साथ एक वीवीपैट होना चाहिए ताकि यदि कोई संदेह हो तो लोगों को आश्वस्त किया जा सके.