आरक्षण की सीमा बढ़ कर होगी 75 प्रतिशत! जाति जनगणना के बाद CM नीतीश कुमार का ऐलान, विधानसभा में लाया जाएगा प्रस्ताव
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया है। यह प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया जाएगा। बिहार सरकार का दावा है कि आरक्षण की सीमा बढ़ाने से आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लोगों को अधिक लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार जातिगत जनगणना एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि इस जनगणना से बिहार के लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का बेहतर पता चलेगा। इस जनगणना के आधार पर, सरकार नए नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करेगी।
नीतीश कुमार ने कहा कि गरीब परिवारों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा गरीब परिवारों को जमीन खरीदने और घर बनाने के लिए भी 40-40 हजार की मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अगले 5 सालों में ये खर्च किया जाएगा, जिसमें 40-50 हजार करोड़ का खर्च आएगा। नीतीश कुमार ने कहा कि अगर केंद्र सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे देती है, तो ये काम जल्दी भी हो जाएगा।
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें सीधा आरक्षण 65 प्रतिशत किया जाएगा, जबकि सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए रखा गया 10 प्रतिशत आरक्षण जारी रहेगा।
जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के आधार पर पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग का आरक्षण बढ़ना चाहिए: माननीय मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी।#JDU #NitishKumar #Bihar #NitishModel pic.twitter.com/sGs5njsDrD
— Janata Dal (United) (@Jduonline) November 7, 2023
नीतीश कुमार ने विधानसभा में चर्चा के दौरान आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 50 से 65 करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने बताया कि ईडब्ल्यूएस के 10 फीसदी को मिलाकर आरक्षण 75 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा गया है। चर्चा के दौरान सीएम नीतीश ने कहा कि आरक्षण बढ़ाने के लिए सलाह ली जाएगी। इस प्रस्ताव के मुताबिक, एससी वर्ग को फिलहाल मिलने वाले 16 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाएगा। इसके साथ ही एसटी वर्ग के आरक्षण को एक प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत किया जाएगा। वहीं, ईबीसी (अत्यंत पिछड़ा) और ओबीसी को मिलाकर 43 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। अभी ये 30 प्रतिशत है।
बता दें कि मंगलवार (7 नवंबर, 2023) बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना के आँकड़ों के बाद अब विधानसभा के पटल पर पूरे बिहार की शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति का आँकड़ा रखा। ये आँकड़ा जातिवार है। बिहार में कुल 2 करोड़ 76 लाख 68 हजार 930 परिवार हैं, जिसमें से 94 लाख 42 हजार 786 परिवार गरीब हैं। ये कुल परिवारों का 34.13 प्रतिशत आँकड़ा है। इस गणना के हिसाब से बिहार में सामान्य वर्ग के कुल 43 लाख 28 हजार 282 परिवार हैं, जिसका 25 प्रतिशत से अधिक हिस्सा गरीबी में जीवन यापन कर रहा है।
बिहार विधानमंडल के पटल पर रखी गई रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में पिछड़ा वर्ग के कुल 33.16 प्रतिशत, सामान्य वर्ग के कुल 25.09 प्रतिशत, अति पिछड़ा वर्ग के 33.58 प्रतिशत, अनुसूचित जाति वर्ग के 42.93 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कुल 42.7 प्रतिशत परिवार गरीब हैं। यही नहीं, सामान्य वर्ग में भूमिहार, ब्राह्मण, राजपूत जैसे तीन सबसे समृद्ध बताई जाने वाली जातियों के करीब 25 प्रतिशत परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं।