BJP नेता की निर्मम हत्या… एक छुटपुट घटना: CM बघेल का बयान, मौत पर कर डाली खुद की वाहवाही वाली राजनीति

सीएम बघेल, भाजपा नेता रतन दुबे हत्याछत्तीसगढ़ में चुनाव मतदान से 2 दिन पहले बस्तर में भाजपा नेता रतन दुबे की निर्मम हत्या कर दी गई और जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस पर जवाब माँगा गया तो उन्होंने बातों ही बातों में इसे एक छोटी घटना करार दे दिया।

सीएम बघेल ने मीडिया से बात करते हुए रतन दुबे के परिवार के प्रति पहले संवेदना व्यक्त की और फिर अपनी वाहवाही वाले अंदाज में बोले कि उनकी फोर्स के कारण नक्सली प्रभाव कम हुआ। लोग दूर-दूर इलाकों में जाते हैं। लेकिन ऐसी छुट-पुट घटनाएँ भी हो रही हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा शेयर वीडियो में उन्हें कहते सुना जा सकता है-

“जिले स्तर के पदाधिकारी की मृत्यु हुई है। पूरे परिवार के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करता हूँ लेकिन लगातार हमारे फोर्स के दबाव के चलते नक्सली पीछे हो गए हैं। कहीं-कहीं छुटपुट घटनाएँ हो रही हैं इससे इनकार नहीं किया जा सकता। लेकिन जो पहली वाली स्थिति थी उसमें और अब में जमीन-आसमान का फर्क है।”

मुख्यमंत्री द्वारा ऐसी बात कहे जाने के बाद लोग उनकी वीडियो देख पूछ रहे हैं कि एक व्यक्ति को निर्मम ढंग से मार दिया गया और ये छोटी घटना लगती है उनको। एक यूजर कहता है- छोटा वाकया। जब कोई कॉन्ग्रेसियों को कुछ होता है तभी इनके लिए वो घटना बड़ी होती है।

एक यूजर ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार छत्तीसगढ़ को नक्सल हिंसा से बचाने में असमर्थ रहे इसलिए जनता ने इनपर से अपना विश्वास खो दिया है।

रतन दुबे की बस्तर में नक्सलियों ने की हत्या

उल्लखनीय है कि 4 नवंबर की शाम छत्तीसगढ़ के बस्तर में रतन दुबे की हत्या चुनाव प्रचार के बाद भरी भीड़ के बीच की गई थी। रिपोर्ट्स में बताया गया कि प्रचार खत्म होने के बाद मंच के पास मुर्गों की लड़ाई का आयोजन किया गया, जिसके कारण वहाँ भीड़ जमा हो गई थी। इसी दौरान ग्रामीणों के वेश में आए पुरुषों का एक समूह चुपचाप भीड़ से अलग हो गया और मंच के पास आने लगा।

दुबे ने उन्हें तुरंत देख खतरे को भांप लिया। वह मंच से कूदकर भागने लगे। हंगामे के कारण ग्रामीणों की नजर भी वहाँ पड़ी और सबने देखा कि बंदूक, खंजर और कुल्हाड़ी लिए लोगों का एक समूह दुबे का पीछा कर रहा थे। कुछ दूर पीछा करने के बाद एक नक्सली ने दुबे पर पीछे से गोली मारी। जैसे ही वो नीचे गिरे वैसे ही उनके ऊपर पीछे खंजर और कुल्हाड़ी लेकर हमला बोल दिया गया। ये घटना जरघाटी थाने से 5 किलोमीटर दूर शाम करीब 5:30 हुई। पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है।

इससे पहले 16 जनवरी को भाजपा कार्यकर्ता बुधराम करतम की हत्या की गई थी। इसके बाद भाजपा नेता नीलकंथ कक्कम को मारा गया था। 10-11 फरवरी में नारायणपुर के ही उपाध्यक्ष साग साहु और दंतेवाड़ा में रामधर अलामी की हत्या हुई थी।

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