आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 के लिए टीम इंडिया का ऐलान कर दिया है। यानी अब वे खिलाड़ी तैयार हैं, जो इस बार भारतीय टीम को विश्व कप दिलाने के लिए मैदान में उतरेंगे। रोहित शर्मा की कप्तानी में 15 खिलाड़ी चुने गए हैं। खास बात ये है कि अजीत अगरकर की सेलेक्शन कमेटी में कोई बहुत बड़ा फैसला टीम को लेकर नहीं लिया है। जिन प्लेयर्स की संभावना पहले से ही टीम में जताई जा रही थी, वही खिलाड़ी हैं, किसी भी खिलाड़ी की अचानक एंट्री नहीं कराई गई है। जैसा कि पिछले कुछ विश्व कप में होता आया है। इस बीच टीम इंडिया अच्छा कर रही है, लेकिन एक बात तो चिंता का सबब हो सकती है, उस पर बात करते हैं। करीब करीब हर मैच में टीम इंडिया की पोल खुलती है।
हम बात कर रहे हैं भारतीय टीम की फील्डिंग की। वैसे तो टीम में रवींद्र जडेजा, हार्दिक पांड्या और विराट कोहली जैसे खिलाड़ी हैं, जो पूरी तरह से फिट नजर आते हैं और उनके आसपास बॉल जाती है तो निकल नहीं पाती। लेकिन पिछले कुछ मैचों में हमने देखा है कि फील्डिंग उस स्तर की नहीं हो रही है, जैसी होनी चाहिए और जिसकी उम्मीद की जाती है। सबसे पहले नेपाल के खिलाफ खेले गए मैच की ही बात कर ली जाए तो जब मुकाबला शुरू हुआ तो आगाज के साथ ही खिलाड़ियों ने एक के बाद एक कैच छोड़ दिए। विराट कोहली, श्रेयस अय्यर और ईशान किशन ने लगातार तीन कैच छोड़े। यही वो मौका था, जब भारतीय टीम नेपाल को दबाव में ला सकती थी, लेकिन वो मौका गंवा दिया गया।
बड़ी टीमों के सामने कैच टपकाने से बिगड़ सकता है मामला
वो तो कहिए कि मैच नेपाल के साथ था, जो टीम इतने कैच छोड़ने के बाद भी बड़ा स्कोर टांगने में कामयाब नहीं हो पाई, लेकिन अगर यही मैच किसी बड़ी टीम से होता तो मामला फंस सकता था और हार भी हो सकती थी। अगर आंकड़ों की बात करें तो साल 2019 के विश्व कप से लेकर अब तक टीम इंडिया हर चार में से एक कैच टपका देती है। एशिया कप में तो काम चल गया, लेकिन विश्व कप में उसका मुकाबला आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और पाकिस्तान जैसी टीमों से होगा, जहां एक मिस्टेक से मैच हाथ से निकल सकता है।
टीम इंडिया की बैटिंग लाइनअप में नहीं है गहराई
ये बात और है कि सेलेक्टर्स ने ऐसी टीम चुनी है, जिसमें नंबर आठ तक बल्लेबाजी है। यही कारण है कि शार्दुल ठाकुर और अक्षर पटेल को टीम में लिया गया है, ताकि बैटिंग में थोड़ी डेप्थ मिल जाए, लेकिन अगर आपकी टीम के टॉप 7 बल्लेबाज कुछ नहीं कर पाएंगे तो नंबर आठ पर क्या ही उम्मीद की जाए। वहीं बात अगर बड़ी टीमों की करें तो वहां पर हर खिलाड़ी थोड़ी बहुत बल्लेबाजी कर लेता है। इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसी टीमों को भी शामिल किया जा सकता है। इसके बाद भी कहना होगा कि बल्लेबाजी में उतनी गहराई नहीं है, जितनी कि होनी चाहिए।
टीम इंडिया को खल सकती है ऑफ स्पिनर की कमी
इसके साथ ही टीम इंडिया में तीन स्पिनर्स चुने गए हैं। रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव, लेकिन एक ऑफ स्पिनर की कमी जरूर खेलने वाली है। इसके लिए आपके पास रविचंद्रन अश्विन और वॉशिंगटन सुंदर प्रबल दावेदार थे, लेकिन इसके बाद भी उन्हें 15 खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। अगर सामने वाली टीम में बाएं हाथ के ज्यादा बल्लेबाज हुए और कोई एक भी टिक गया तो उसे आउट कर पाना आसान काम नहीं होगा। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय टीम इन दिक्कतों से कैसे निपटती है और जीत की राह पर कैसे आगे बढ़ती है।