कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ कमेटी में शामिल किए जाने के सवाल को लेकर सफाई पेश की है। अधीर रंजन के मुताबिक उनके पास किसी मंत्री का फोन नहीं आया था। बल्कि एक बाबू ने उनसे संपर्क किया था वह भी रात के 11 बजे के बाद। बता दें कि अधीर रंजन को सरकार द्वारा बनाई गई आठ सदस्यीय कमेटी में शामिल किया गया था। हालांकि बाद में अधीर रंजन द्वार इस कमेटी में शामिल होने से इंकार करने की खबरें आई थीं। उधर सरकार का कहना है कि अधीर रंजन ने पहले कमेटी में शामिल होने को लेकर हामी भरी थी। इसी को लेकर कांग्रेस सांसद ने सफाई पेश की है।
अधीर रंजन ने बताया कि 31 अगस्त की रात 11 बजे उनके ऑफिस सेक्रेट्री के पास प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव मिश्रा का फोन आया था। उन्होंने मुझे बताया कि सरकार एक कमेटी बनाने जा रही है और मुझे उसमें शामिल करना चाहती है। आगे बताया कि इस कमेटी के प्रमुख पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे। अधीर रंजन ने आगे बताया कि इसके बाद मैंने उनसे पूछा कि वन नेशन, वन इलेक्शन कमेटी से जुड़े सभी कागजात मेरे पास भिजवा दीजिए। इन कागजात को देखने के बाद ही मैं कोई फैसला ले पाऊंगा।
गौरतलब है कि इससे पहले शनिवार को एक देश-एक चुनाव पर बनाई गई कमेटी के सदस्यों के नामों का ऐलान किया गया था। इस आठ सदस्यीय टीम में गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हैं, जबकि इसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे। इसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी को भी इस कमेटी का सदस्य बनाया गया था। इसके अलावा वरिष्ठ राजनेता गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन. के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी के कमेटी में नाम हैं।