मराठा आरक्षण को लेकर जालना में चल रहे आंदोलन पर लाठीचार्ज को लेकर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने माफी मांग ली है। इस मामले को लेकर सोमवार को कई घंटों तक सीएम एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। इस मीटिंग में आंदोलनकारियों से बातचीत करने पर सहमति बनी। बैठक की जानकारी देते हुए डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा कि मैं लाठीचार्ज को लेकर माफी मांगता हूं। उन्होंने कहा, ‘पुलिस की ओर से लाठीचार्ज करना गलत था। मैं सरकार की तरफ से माफी मांगता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा।’
मराठा कोटे को लेकर हुई मीटिंग के बाद सीएम एकनाथ शिंद ने कहा, ‘हमने आज मराठा आरक्षण पर उच्च स्तरीय मीटिंग की थी। मैंने पहले ही आंदोलनकारियों से बात की थी। हम इस मसले को सही सिस्टम के साथ निपटाएंगे। हमारी सरकार मराठा आरक्षण से जुड़े मसलों को सुलझाने के लिए तत्पर है।’ इस मीटिंग में अजित पवार भी मौजूद थे। इसके अलावा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, सांसद उदयनराजे भोसले भी थे। राज्य के होम मिनिस्टर होने के नाते लाठीचार्ज को लेकर फडणवीस को ही घेरा जा रहा है। उन्होंने पुलिस लाठीचार्ज के बाद ऐक्शन का बचाव किया था। इसके चलते लोग उन पर और भड़क गए थे।
‘पहले भी होम मिनिस्टर था, पर पुलिस ने ऐसा कोई ऐक्शन नहीं लिया’
फडणवीस ने कहा कि लाठीचार्ज के मसले पर मैं सरकार की ओर से माफी मांगता हूं। उन्होंने कहा कि मीटिंग में जालना में चल रहे धरने को लेकर बात हुई। इस धरने का नेतृत्व मनोज जारांगे पाटिल कर रहे हैं, जिनसे सरकार ने बातचीत की पेशकश भी की है। फडणवीस ने कहा कि जिस तरह से पुलिस ने ऐक्शन लिया है, उसे सही नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि मैं तो इससे पहले भी 5 साल तक होम मिनिस्टर रहा हूं। तब भी मराठा आंदोलन हुआ था। उस दौरान 2000 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन किसी के भी खिलाफ हिंसा नहीं की गई। इस बार भी बल प्रयोग की कोई वजह नहीं थी।
फडणवीस बोले- लाठीचार्ज के लिए मैं नागरिकों से माफी मांगता हूं
डिप्टी सीएम ने कहा, ‘मैं सबसे पहले सरकार की तरफ से नागरिकों से माफी मांगता हूं। जिन्हें नुकसान पहुंचा और पुलिस के लाठीचार्ज में घायल हुए।’ इस घटना की जांच के लिए सीएम एकनाथ शिंदे ने आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल घटना को सियासी रंग दे रही हैं। फडणवीस ने अपना बचाव करते हुए कहा कि ऐसा प्रचार किया जा रहा है कि लाठीचार्ज का आदेश मंत्रालय से गया था। लेकिन ऐसे फैसले एसपी और डिप्टी एसपी के लेवल पर ही लिए जाते हैं।