नई दिल्ली। Russia 47 साल बाद पहली बार चांद पर अपना मिशन भेज रहा है. मिशन का नाम है लूना-25 (Luna-25). इसकी लॉन्चिंग 10 अगस्त 2023 को हो सकती है. क्या रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस (Roscosmos) भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) के साथ प्रतियोगिता कर रही है. यूक्रेन पर हमला करने के बाद पहली बार रूस किसी दूसरे ग्रह या उपग्रह के लिए अपना मिशन भेजने को तैयार हुआ है. इसे लूना-ग्लोब (Luna-Glob) मिशन भी कहते हैं.
![Russia Luna-25 Moon Mission Russia Luna-25 Moon Mission](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/inline-images/russian-moon-mission-luna-25-afp-4.jpg)
हालांकि, रूसी स्पेस एजेंसी ने कहा कि हम किसी देश या स्पेस एजेंसी के साथ प्रतियोगिता नहीं कर रहे हैं. हमारे लैंडिंग इलाके भी अलग हैं. भारत या किसी और देश के मून मिशन से हमारी न तो टक्कर होगी. न हम किसी के रास्ते में आएंगे. क्योंकि चंद्रमा या अंतरिक्ष हर किसी के लिए है. इस मिशन की शुरुआत 1990 में हुई थी. लेकिन यह अब जाकर पूरा होने वाला है.
भारत-जापान दोनों ने कर दिया था रूस को इंकार
रूस ने जापानी स्पेस एजेंसी के साथ पार्टनरशिप करने की कोशिश की थी लेकिन जापान ने मना कर दिया था. इसके बाद रूसी स्पेस एजेंसी ने भारत के इसरो के साथ भी अपने मून मिशन में मदद करने की अपील की थी. लेकिन बात बनी नहीं. इसके बाद रूस ने खुद ही रोबोटिक लैंडर बनाने की योजना बनाई.
![Russia Luna-25 Moon Mission Russia Luna-25 Moon Mission](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/inline-images/roscosmos-luna-25-luna-glob-lander.jpg)
लूना-25 सालभर करेगा चांद पर काम, खोजेगा पानी
Chandrayaan-3 चंद्रमा की सतह पर दो हफ्ते काम करेगा. जबकि लूना-25 साल भर काम करेगा. लूना-25 का वजन 1.8 टन है. इसमें 31 किलोग्राम के वैज्ञानिक यंत्र हैं. इसमें एक खास यंत्र लगा है जो सतह की 6 इंच खुदाई करके, पत्थर और मिट्टी का सैंपल जमा करेगा. ताकि फ्रोजन वाटर यानी जमे हुए पानी की खोज की जा सके. ताकि भविष्य में जब इंसान चांद पर बेस बनाए तो उसके लिए वहां पानी की व्यवस्था की जा सके.
दो साल की देरी से हो रही है लूना-25 की लॉन्चिंग
रूसी स्पेस एजेंसी लूना-25 को पहले अक्टूबर 2021 में लॉन्च करना चाहती थी. लेकिन इसमें करीब दो साल की देरी हुई है. लूना-25 के साथ यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) पायलट-डी नेविगेशन कैमरा की टेस्टिंग करना चाहता था. लेकिन यूक्रेन पर हमला करने की वजह से दोनों स्पेस एजेंसियों ने नाता तोड़ लिया.
लॉन्च के समय खाली कराया जाएगा पूरा एक गांव
रूस इसे सुदूर पूर्व की तरफ मौजूद वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लॉन्च करेगा. इसके लिए सोयूज-2.1बी/फ्रिगेट (Soyuz-2.1b/Fregat) रॉकेट का इस्तेमाल किया जा रहा है. लूना-25 दक्षिणी ध्रुव के पास मौजूद बोगुस्लावस्की क्रेटर (Boguslavasky Crater) के पास कहीं लैंड करेगा.
लॉन्च के समय पास का एक पूरा गांव खाली कराया जाएगा. वहां के लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जाएगा. क्योंकि रॉकेट के निचला हिस्सा उस स्थान पर गिर सकता है. स्थानीय किसानों, शिकारियों को भी सचेत कर दिया गया है कि लॉन्च के बाद इस गांव के आसपास न रहें.