महाराष्ट्र में शरद पवार के वफादार माने जाने वाले वरिष्ठ एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने रविवार को उन आरोपों का खारिज कर दिया जिसमें दावा किया जा रहा था कि उन्होंने पुणे में अमित शाह से सीक्रेट मीटिंग की थी.
पाटिल ने सीक्रेट मीटिंग से किया इनकार
बता दें कि अमित शाह ने रविवार को पुणे में सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (सीआरसीएस) कार्यालय का डिजिटल पोर्टल लॉन्च किया था. पाटिल ने कहा कि वह शनिवार शाम को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के साथ थे. उन्होंने कहा कि बाद में उनके घर पर वरिष्ठ सहयोगियों अनिल देशमुख, राजेश टोपे और सुनील भुसारा से मुलाकात की.
पाटिल ने कहा कि जिन लोगों ने ये अफवाहें फैलाईं, उन्हें जवाब देना चाहिए कि मैं किस समय पुणे में शाह से मिला और उन्हें सबूत दिखाना चाहिए. मैं हमेशा शरद पवार के साथ हूं. ऐसी अटकलें बंद होनी चाहिए.” पाटिल ने कहा कि उन पर पाला बदलने का कोई दबाव नहीं है और उन्होंने किसी से कोई बातचीत नहीं की है.
फडणवीस ने कहा, नहीं हुई कोई मीटिंग
वहीं इस मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा, ‘शाह और जयंत पाटिल के बीच कोई बैठक नहीं हुई है, जो लोग अफवाह फैला रहे हैं उन्हें जानकारी को सार्वजनिक करने से पहले उसकी पुष्टि कर लेनी चाहिए.’
एनसीपी का एक हिस्सा सरकार में शामिल
बता दें कि शरद पवार के भतीजे अजित पवार और एनसीपी के आठ विधायक पिछले महीने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में शामिल हुए थे. अजित ने उपमुख्यमंत्री और आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी. इसके बाद से महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में शरद पवार खेमे के विधायकों में बेचैनी बढ़ने की अटकलें तेज हो गई हैं. इस बीच, एनसीपी विधायक जितेंद्र अह्वाड ने भी कहा कि जयंत पाटिल की शाह से मुलाकात की खबरें गलत हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी आखिरी सांस तक शरद पवार के साथ रहूंगा.’