नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली से 2500 किलोमीटर दूर हमारे ही एक राज्य मणिपुर से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसे देखकर पूरा देश शर्मसार है. ये वीडियो है 79 दिन से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर का. ये हिंसा और उपद्रव का ऐसा वीडियो है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस वीडियो में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर ले जाती हुई भीड़ दिख रही है. इन महिलाओं पर जुल्म का ये दृश्य मणिपुर से लेकर दिल्ली तक समूचे भारत को शर्मसार कर रहा है.
महिलाओं से दरिंदगी का क्या है मामला
कूकी महिलाओं से दरिंदगी के मामले में पुलिस ने 21 जून को FIR दर्ज की थी. जो शिकायत दर्ज की गई है, उसके मुताबिक 4 मई की दोपहर करीब 3 बजे 800-1000 लोग बी. फेनोम गांव में घुस आए थे. उन्होंने गांव में तोड़फोड़ करने, संपत्तियां लूटने के बाद घरों को आग लगा दी थी. इस दौरान पांच लोग खुद को बचाने के लिए जंगल में भाग गए थे. इनमें दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल थीं. उनमें 56 वर्षीय एक व्यक्ति, उसका 19 वर्षीय बेटा और 21 वर्षीय बेटी के अलावा 42 वर्षीय और 52 वर्षीय महिलाएं भी शामिल थीं. बाद में पुलिस ने उन्हें जंगल से रेस्क्यू कर लिया था.
पुलिस जब उन्हें अपने साथ लेकर आ रही थी, तभी नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन से दो किमी दूर टूबू के पास भीड़ ने उन्हें रोक लिया था और लोगों को अपने साथ खींच ले गए थे. इस दौरान भीड़ ने 56 वर्षीय एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी. इसके बाद तीनों महिलाओं के कपड़े उतरवा दिए थे. इसके बाद भीड़ में से ही कुछ लोगों ने 21 वर्षीय युवती का गैंगरेप कर दिया था.युवती के छोटे भाई ने जब इसका विरोध किया तो भीड़ ने उसकी भी हत्या कर दी थी. इस बीच एक महिला भाग निकली. हालांकि भीड़ ने बची दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र की सड़क पर घुमाया और एक खेत में ले जाकर छोड़ दिया.
पीएम ने तोड़ी चुप्पी, बोले- पूरे देश ही हो रही बेइज्जती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता. मणिपुर पर मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा है. मणिपुर की घटना जो सामने आई है, किसी भी सभ्य समाज के लिए यह शर्मसार करने वाली है. पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, कौन हैं, यह बात अपनी जगह पर हैं, लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है.
सीएम बीरेन सिंह और स्मृति ईरानी ने दी सफाई
– विपक्ष ने महिलाओं के वायरल वीडियो पर सीएम एन बीरेन सिंह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को भी घेरा लिया है. उनका कहना है कि इस घटना के 63 दिन बाद भी अपराधी फरार हैं. सीएम ने अब तक कोई एक्शन क्यों नहीं लिया और स्मृति ईरानी ने इस घटना पर सीएम से बात करने और बयान जारी करने में 76 दिन ले लिए. इस आरोपों के बीच सीएम ने कहा कि वीडियो सामने आने के बाद राज्य सरकार ने वीडियो का स्वत: संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए. मणिपुर पुलिस ने कार्रवाई कर आज पहली गिरफ्तारी भी कर ली है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जिसमें मृत्युदंड की संभावना पर भी विचार किया जाए.
– केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम एन बीरेन सिंह से फोन पर इस मामले की पूरी जानकारी ली. सूत्रों के मुताबिक अमित शाह ने उन्हें घटना में शामिल सभी लोगों को पकड़ने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने और कानून के तहह उचित कार्रवाई करने को कहा है.
विपक्ष ने सरकार पर लगाए आरोप
मणिपुर में मानवता मर गई: खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मणिपुर में मानवता मर गई है. मोदी सरकार और बीजेपी ने राज्य के नाजुक सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करके लोकतंत्र और कानून के शासन को भीड़तंत्र में बदल दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी, भारत आपकी चुप्पी को कभी माफ नहीं करेगा. अगर आपकी सरकार में जरा भी विवेक या शर्म बची है, तो आपको संसद में मणिपुर के बारे में बोलना चाहिए और केंद्र और राज्य दोनों में अपनी दोहरी अक्षमता के लिए दूसरों को दोष दिए बिना, देश को बताना चाहिए कि क्या हुआ. आपने अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी छोड़ दी है. संकट की इस घड़ी में हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मणिपुर हिंसा पर पीएम नरेंद्र मोदी को घेरा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मणिपुर में बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा भड़के 78 दिन हो गए हैं. उस भयावह घटना को 77 दिन हो गए हैं, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और कथित तौर पर बलात्कार किया गया. अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के 63 दिन बाद भी अपराधी अभी भी फरार हैं.
शेष भारत को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि मणिपुर में जारी इंटरनेट बैन के कारण इतनी भयानक घटना घटी, लेकिन यह बिल्कुल अक्षम्य है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मणिपुर के सीएम से बात करने या बयान जारी करने के लिए 76 दिनों तक इंतजार किया.
ऐसी घिनौनी हरकत बर्दाशत नहीं की जा सकती: केजरीवाल
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा- मणिपुर की वारदात बेहद शर्मनाक और निंदनीय है. भारतीय समाज में इस तरह की घिनौनी हरकत बर्दाश्त नहीं की जा सकती. मणिपुर के हालात बेहद चिंताजनक बनते जा रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री जी से अपील करता हूं कि वे मणिपुर के हालातों पर ध्यान दें. इस वारदात की वीडियो में दिख रहे दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें. भारत में ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए.
एक क्रूर शासक के रूप में सामने आए पीएम: संजय सिंह
AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि मणिपुर की हिंसा 4 महीनो से चल रही है, प्रधानमंत्री जी खामोश है, एक क्रूर और संवेदनहीन शासक के रूप में प्रधानमंत्री सामने आए है, मणिपुर की सरकार को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए.
उन्होंने कहा- ‘मोदी जी आप कितने संवेदनहीन हो? मणिपुर में दरिंदगी की सारी सीमाएं पार हो चुकी हैं. महिला को नंगा करके घुमाया जा रहा है, बच्चों बुजुर्गों और नौजवानों की हत्या हो रही है. मोदी जी आप कुछ बोलते क्यों नहीं? मणिपुर जल रहा है मोदी सो रहा है.’
उन्होंने कहा कि मणिपुर की तस्वीरें मन को विचलित करने वाली हैं. आखिर एक देश का शासक इतना क्रूर और संवेदनहीन कैसे हो सकता है? मोदी जी नींद से कब जागेंगे? सदन में सरकार मणिपुर पर जवाब दे. मैंने 267 का नोटिस दिया है. सीएम का तुरंत इस्तीफा लेकर सरकार को बर्खास्त करें.
स्मृति ईरानी को इस्तीफा दे देना चाहिए: प्रियंका चतुर्वेदी
शिवसेना (यूबीटी) ने मणिपुर मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के इस्तीफे की मांग की. शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एएनआई से कहा, “संसद में आज सबसे प्रमुख मुद्दा मणिपुर संकट होगा. दो महीने पहले हुए यौन उत्पीड़न के जघन्य अपराध ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है और बेहद परेशान करने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद के माध्यम से देश को जवाब देना चाहिए कि संघर्षग्रस्त राज्य पर शून्य जवाबदेही क्यों है, जहां 3 मई को जातीय झड़पें हुईं. पहले एक नाटक था कि सीएम बीरेन सिंह इस्तीफा दे देंगे. महिला कल्याण की जिम्मेदारी संभाल रहीं स्मृति ईरानी ने आज तक कोई बयान जारी नहीं किया है. कल उन्हें वीडियो पर आक्रोश के कारण भारी जन दबाव का हवाला देते हुए ट्वीट करने के लिए मजबूर होना पड़ा. आज तक ईरानी ने मणिपुर में महिलाओं की दुर्दशा का जायजा लेने की जहमत नहीं उठाई. मैं चाहूंगी कि ऐसे अक्षम मंत्री… देश के सबसे अक्षम मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.”
अबतक नहीं हुई गिरफ्तारी: स्वाति मालिवाल
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने भी वायरल वीडियो पर कहा कि मणिपुर से एक बहुत की खतरनाक वीडियो सामने आया है, जिसको देखकर मैं सहम गई और पूरी रात मुझे नींद नहीं आई. वीडियो में साफ दिख रहा है कि किस तरह से दो लड़कियों को आदमियों का झुंड घेर लेता है और उनके साथ सबसे बड़ी अभद्र हरकत करते हैं. लड़कियों को निर्वस्त्र करके परेड कराया जाता है. इस दौरान उन्हें नोंच जाता है. उनके साथ घटना ढाई महीने पहले की है लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. मुझे शर्म आती है कि किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. केंद्र सरकार चुप है. पीएम ने एक भी बयान नहीं दिया है. मैं आज मणिपुर के सीएम और पीएम मोदी को मणिपुर में हिंसा खत्म करने और आरोपियों और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिख रही हूं.”
हिंसा में महिलाओं का टूल की तरह इस्तेमाल करना गलत: सीजेआई
सुप्रीम कोर्ट ने भी महिलाओं से दरिंदगी की घटना को स्वत: संज्ञान ले लिया है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कल जो वीडियो सामने आया है, उसे देखकर वह स्तब्ध हैं. ऐसी घटनाएं पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. हिंसा में महिलाओं को एक उपकरण के रूप में उपयोग करना मानवाधिकारों और संवैधानिक अधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है. हम सरकार को इस पर कार्रवाई के लिए कुछ समय दे रहे हैं, नहीं तो फिर हम कार्रवाई करेंगे. यह बहुत ही परेशान करने वाली घटना है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम जानना चाहते हैं कि सरकार ने क्या कदम उठाए हैं ताकि ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं. हम सरकार को कठोर कदम उठाने का निर्देश देते हैं. सीजेआई ने कहा कि इस मामले में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को अदालत को अवगत कराया जाना चाहिए, ताकि अपराधियों पर ऐसी हिंसा के लिए मामला दर्ज किया जा सके. मीडिया में जो दिखाया गया है और वीडियो सामने आए हैं, वे घोर संवैधानिक उल्लंघन को दिखाते हैं. हम इस मामले में 28 जुलाई को सुनवाई करेंगे.
ससंद के हंगामेदार होने के पूरे आसार
मणिपुर हिंसा और कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस बात के पूरे आसार है कि संसद के मॉनसून सत्र में इस मुद्दे पर विपक्ष जमकर हंगामा करेगा. विपक्ष की मांग है कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बिना देरी के मणिपुर भेजा जाए.