लखनऊ। उमेशपाल हत्याकांड में अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी के साथ उसकी दोनों बेटियों उंजेला और मंतशा को भी पुलिस ने आरोपी बनाया है. फिलहाल मां और बेटियां फरार हैं. अतीक की बेगम और 50 हजार की इनामी शाइस्ता परवीन मिस्ट्री बनी हुई है.
उत्तर प्रदेश पुलिस के सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी की दोनों बेटियां उंजेला और मंतशा को भी उमेश पाल हत्याकांड की साजिश की जानकारी थी. लिहाजा अब आयशा के साथ साथ दोनों बेटियां भी केस में आरोपी बनाई गई हैं.
इतना ही नहीं, मेरठ में आयशा के घर से मिले फरार गुड्डू मुस्लिम के एक सीसीटीवी फुटेज में दोनों बेटियां गुड्डू की आवभगत करती हुई दिखाई दी थीं. जानकारी के मुताबिक, उमेश पाल हत्याकांड के वक्त आयशा अपनी एक बेटी के साथ प्रयागराज में लग्जरी कार से गई थी और प्लान था कि गाड़ी से असद और शाइस्ता को बैठकर मेरठ लाना और वहीं छिपाना. लेकिन पुलिस तब तक एक्टिव हो गई थी और प्लान फेल हो गया था.
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के बाद गुड्डू मुस्लिम कुछ दिनों तक मेरठ में छिपा हुआ था. इसके सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए थे. गुड्डू अपने आका अतीक अहमद के जीजा अखलाक के घर पैसे लेने गया था. वह अखलाक के घर दाखिल होता हुआ और बैग ले जाता हुआ दिखाई दिया था. बता दें कि आयशा नूरी, अखलाक की पत्नी है. अखलाक की मेरठ से गिरफ्तारी के बाद आयशा अपनी दोनों बेटियों संग फरार हो गई थी.
हत्या करने वाले शूटर्स को अखलाक ने की थी फंडिंग
पुलिस के अनुसार, 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या करने वाले शूटर्स को अखलाक ने फंडिंग की थी. इतना ही नहीं, उमेश पाल की हत्या में भी अखलाक की अहम भूमिका थी. गिरफ्तार करने से पहले अखलाक से पुलिस कई बार पूछताछ कर चुकी थी. पुलिस को शक था कि बदमाश वारदात को अंजाम देने के बाद मेरठ गए थे. इसी आशंका के मद्देनजर अखलाक रडार पर था.
शाइस्ता परवीन बन चुकी पहेली
वहीं, 50 हजार की इनामी शाइस्ता परवीन पुलिस के लिए पहली बन चुकी है. फरार शाइस्ता को पकड़ने के लिए उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली तक दर्जन भर बार छापेमारी हो चुकी है. लेकिन उसका अता-पता नहीं चल सका. वहीं, आयशा का एक और वीडियो सामने आया है जिसमें वह बकरे के साथ नजर आ रही है.
24 फरवरी को प्रयागराज में हुई थी उमेश पाल की हत्या
बता दें कि 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल और उनके दो सुरक्षा कर्मियों की बदमाशों ने गोली और बम मारकर हत्या कर दी थी. उमेश पाल, विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में गवाह थे. 24 फरवरी को उमेश गाड़ी से उतर रहे थे. उसी दौरान बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर हत्या कर दी थी. इस दौरान उमेश के साथ उनके दो सरकारी गनर की भी मौत हो गई थी.