नई दिल्ली। बिहार की राजधानी पटना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी दलों का महाजुटान हुआ है। विपक्षी एकता वाले इस बैठक में कुल 15 दल शामिल हुए। बैठक में आम आदमी पार्टी (AAP) के सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे। बैठक खत्म होने के बाद केजरीवाल की पार्टी ने एक बयान जारी किया है। बयान में कहा गया कि केंद्र सरकार के काले अध्यादेश को हराना बहुत जरूरी है। पटना की बैठक में शामिल 15 दलों में से 12 का प्रतिनिधित्व राज्यसभा में है। कांग्रेस को छोड़कर सभी 11 दलों ने केंद्र के अध्यादेश को लेकर AAP का समर्थन किया है। सभी 11 दलों ने यह कहा है कि वे राज्यसभा में इस अध्यादेश का विरोध करेंगे।
बयान में आगे कहा गया, ‘बैठक के दौरान कई दलों ने कांग्रेस को केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ सार्वजनिक रूप से निंदा करने को कहा। हालांकि कांग्रेस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। कांग्रेस की यह चुप्पी उसके इरादों को लेकर संदेह पैदा करती है। व्यक्तिगत चर्चाओं में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने यह संकेत दिया है कि कांग्रेस इस अध्यादेश के खिलाफ राज्यसभा में वोटिंग से दूर रह सकती है। अगर कांग्रेस ऐसा करती है तो इससे भाजपा को फायदा पहुंचेगा।’
गौरतलब है कि साल 2024 के चुनाव में पीएम मोदी को टक्कर देने के लिए 15 विपक्षी दलों ने पटना में एक बैठक की। इस बैठक में तीस से अधिक विपक्षी नेता पहुंचे। बैठक की मेजबानी बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने की। बैठक खत्म होने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। हालांकि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी बैठक के बाद खासा नाराज दिख रही है। AAP केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस का सपोर्ट चाहती है। कांग्रेस अभी तक इस मुद्दे को लेकर चुप्पी साधे हुए है।