नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलनरत पहलवान साक्षी मलिक ने कहा था कि नाबालिग महिला पहलवान के परिवार को डराया धमकाया गया था, लेकिन अब नाबालिग पहलवान के पिता की प्रतिक्रिया सामने आई है, उन्होंने कहा कि उनके परिवार को कोई धमकी नहीं मिली थी.
नाबालिग पहलवान के पिता ने कहा कि हमें जो करना था, हमने कर दिया है. हमारे परिवार को धमकी मिली, इस दावे में कोई भी सच्चाई नहीं है. दरअसल, साक्षी मलिक ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि नाबालिग महिला पहलवान ने दो बार बयान दिए थे. पहले पुलिस को भारतीय दंड संहिता की धारा 161 के तहत और बाद में धारा 164 के तहत एक मजिस्ट्रेट के सामने. लेकिन नाबालिग पहलवान के परिवार को धमकियां मिल रही थीं, इसलिए उसने अपने बयान बदल लिए थे.
साक्षी ने क्या-क्या कहा था?
पहलवान साक्षी मलिक ने कहा था कि हमारा आंदोलन राजनीति से प्रेरित नहीं है, कांग्रेस का भी इसमें कोई हाथ नहीं था. जब पहली बार जनवरी में हमने आंदोलन किया था, तो उस आंदोलन की परमिशन बीजेपी के 2 लीडर्स ने दिलाई थी. जिसका सबूत भी है.आंदोलनरत पहलवान ने कहा कि हमने बार-बार कहा कि हमारी लड़ाई सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि फेडरेशन के खिलाफ थी. उन्होंने कहा कि एक ना होने के कारण प्रशासन इसका फायदा उठाता है. यह लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है.
रेसलिंग कमेटी में एकता की कमी
साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने वीडियो में कहा कि हमारे खिलाफ अफवाएं फैलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि कुश्ती से जुड़े 90 फीसदी लोगों को पता है कि पिछले 12 साल से महिला पहलवानों से इस तरह की छेड़छाड़ की जा रही थी. कई लोग इसके खिलाफ आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन हमारी रेसलिंग कमेटी में एकता की कमी थी. अगर किसी ने आवाज उठाने की कोशिश भी की तो ये बात बृजभूषण सिंह तक पहुंचती थी और उसके करियर में दिक्कत आना शुरू हो जाती थी.
पहलवानों ने कब खोला था मोर्चा?
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवानों ने जनवरी में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था. पहलवानों ने बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. तब खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों का धरना खत्म हो गया था. इसके बाद 23 अप्रैल को पहलवान दोबारा जंतर मंतर पर धरने पर बैठे. इसके साथ ही 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दिल्ली पुलिस से की थी. पुलिस ने महिला पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे.
पुलिस ने 28 मई को धरनास्थल से हटाया था
इन पहलवानों ने 23 अप्रैल से 28 मई तक जंतर मंतर पर धरना दिया था. पहलवानों ने 28 मई को जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकाला था. इसी दिन पीएम मोदी नई संसद का उद्घाटन कर रहे थे. ऐसे में पुलिस ने मार्च की अनुमति नहीं दी थी. इसके बावजूद जब पहलवानों ने मार्च निकालने की कोशिश की थी, तो पुलिस के साथ हाथापाई और धक्का मुक्की हुई थी. इसके बाद पुलिस ने 28 मई को पुलिस ने पहलवानों को धरना स्थल से हटा दिया था.