लखनऊ। नौकरी लगवाने के नाम पर लिए रुपये वापस न करने पर एमपी/एमएलए कोर्ट ने फर्रुखाबाद के पूर्व विधायक विजय सिंह को तीन साल कैद की सजा सुनाई है। उन पर आठ लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में विजय सिंह बांदा जेल में उम्रकैद काट रहे हैं।
मैनपुरी के बालाजीपुरम आश्रम रोड निवासी राहुल तोमर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि पिता बृजेंद्र सिंह बहन नीतू की पंचायती राज विभाग में नौकरी लगवाने के लिए सितंबर 2013 में तत्कालीन विधायक विजय सिंह से मिले थे। इसके लिए उन्होंने रुपये मांगे। पिता ने दो लाख रुपये विजय सिंह को दिए थे। इसके बाद फिर 2.75 लाख रुपये बहन के जेवर बेचकर दिए। इसके बाद भी नौकरी नहीं मिली। नौकरी न लगने पर विधायक से रुपये मांगे तो देने से मना कर दिया। इस बीच पुलिस में ड्राइवर पद पर तैनात बृजेंद्र सिंह की 26 जून 2014 को हत्या कर दी गई। उस समय बृजेंद्र की ओर से लिखी गई एक चिट्ठी पुलिस ने बरामद की थी।
इस चिट्ठी के आधार पर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट कृष्ण कुमार ने विजय सिंह को दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष के कारावास और आठ लाख के जुर्माने से दंडित किया है।