नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बीते दिन यानी सोमवार शाम एक आदेश जारी कर यह घोषणा की थी कि तीन दलों का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा अब समाप्त किया जाता है. इनमें AITMC, NCP और CPI शामिल हैं. चुनाव आयोग के इस एक्शन से देश की राजनीति में बड़ा बदलाव आया है. पहले देश में 8 राष्ट्रीय पार्टियां थीं और अब सिर्फ 6 ही राष्ट्रीय पार्टियां रह गई हैं. क्योंकि इन तीन दलों का दर्जा छीनने के साथ ही ECI ने आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्ज देने का ऐलान भी किया था.
चुनाव आयोग के इस फैसले को चुनौती देगी TMC!
ECI के इस फैसले के बाद ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने बीते दिन ही बयान जारी कर दिया था. TMC की ओर से कहा गया है कि वे चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ लीगल विकल्पों की तलाश कर रही है. पार्टी ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ TMC अदालत जाएगी. ECI के फैसले पर TMC के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ‘हमारी लड़ाई जारी रहेगी और ECI के फैसले का 2024 के चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.’
CPI ने आज नई दिल्ली में बैठक की और पार्टी महासचिव डी राजा ने राष्ट्रीय सचिवालय को इस एक्शन के बारे में विस्तार से समझाया. इस बैठक के बाद CPI ने बयान जारी किया कि चुनाव आयोग को CPI के समृद्ध इतिहास और ब्रिटिश राज के खिलाफ लड़ाई में इसकी प्रमुख भूमिका और स्वतंत्रता के बाद के भारत में राष्ट्रीय एजेंडे को आकार देने में इसकी भूमिका पर उचित विचार करना चाहिए था. CPI ने देश की लोकतांत्रिक राजनीति को मजबूत किया है. पार्टी की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि CPI देश के सबसे पुराने राजनीतिक दलों में से एक है और राष्ट्रीय स्तर पर इसकी मौजूदगी है. CPI देश को आगे ले जाने और संविधान के आदर्शों की रक्षा करने, सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता की दिशा में सर्वोच्च बलिदान देने में किसी से पीछे नहीं है.
‘लोगों के बीच काम करते रहेंगे’
साथ ही पार्टी की ओर से कहा गया है कि CPI देश के लिए अपनी समर्पित सेवा जारी रखेगी और लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष करेगी. चुनाव आयोग द्वारा राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता वापस लेने के बावजूद CPI देशभर में और अधिक जोश और समर्पण के साथ लोगों के बीच काम करती रहेगी. साथ ही, CPI व्यापक चुनावी सुधारों के लिए अपने अभियान को तेज करेगी, जिसमें आनुपातिक प्रतिनिधित्व की प्रणाली, चुनावी बॉन्ड को समाप्त करना और सभी प्रतिभागियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए इंद्रजीत गुप्ता द्वारा अनुशंसित चुनाव के राज्य वित्त पोषण के लिए शामिल है.
NCP बोली- दोबारा बनेंगे राष्ट्रीय दल
इसके अलावा जिस तीसरी पॉलिटिकल पार्टी से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीना गया वो शरद पवार का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) है. चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद NCP से कहा, हमें यह फैसला मंजूर है. हम आगामी चुनावों पर काम करेंगे और दोबारा राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए मेहनत करेंगे. NCP ने कहा, जब भी हमारे पार्टी स्टेटस को फिर फिर से रिव्यू किया जाएगा, हम अपनी प्रस्तुति देंगे और राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा फिर से पाने में कामयाब होंगे.
आखिर इन 3 दलों से क्यों छिना राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा?
चुनाव आयोग के मुताबिक इन दलों को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया था लेकिन ये दल उतना रिजल्ट नहीं ला पाए, इसलिए यह दर्जा वापस लिया गया है. इन तीनों पार्टियों का वोट शेयर देशभर में 6 प्रतिशत से कम हुआ है. इन्हें 2 संसदीय चुनावों और 21 राज्य विधानसभा चुनावों के पर्याप्त मौके दिए गए थे. इसके बाद इन दलों के प्रदर्शन को रिव्यू किया गया और फिर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया गया. हालांकि ये पार्टियां आगे के चुनावी चक्र में प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा वापस हासिल कर सकती हैं.