उमेश पाल का ‘दोस्त’ मोहम्मद सजर ही था अतीक अहमद का मुखबिर: कभी साथ चलाता था ऑटो, पड़ोस में रहकर रखता था नजर

प्रयागराज/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुई उमेश पाल की हत्या के मामले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने मंगलवार (21 मार्च 2023) को अतीक अहमद गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इन लोगों से हुई पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उमेश पाल की हत्या की मुखबिरी उनके बचपन के दोस्त और पड़ोसी मोहम्मद सजर ने की थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उमेश पाल हत्याकांड की जाँच कर रही पुलिस ने प्रयागराज के सूबेदारगंज से हत्या में मददगार रहे 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें जयंतीपुर सुलेमसराय निवासी मोहम्मद सजर का नाम भी शामिल है। मोहम्मद सजर ने उमेश पाल की हत्या में मुखबिरी की थी। सजर उमेश पाल का बचपन का दोस्त है।

दो दशक पहले जब उमेश पाल ऑटो चलाते थे, तब मोहम्मद सजर भी उनकी ही तरह ऑटो ड्राइवर था। उसका मकान भी उमेश पाल के घर के पास ही है। इसके कारण उमेश और सजर का रोज मिलना-जुलना होता था। इस तरह दोनों में दोस्ती भी थी।

कहा जा रहा है कि विधायक रहे राजू पाल की हत्या के बाद उमेश पाल को भी अतीक अहमद से अपनी जान का खतरा था। इस कारण वह बहुत जरूरी होने पर ही कहीं आते-जाते थे। साथ ही वह अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद सजग भी रहते थे, लेकिन बचपन के दोस्त और पड़ोसी की मुखबिरी के आगे उनकी सजगता पूरी तरह फेल हो गई।

क्या है मामला…

बहुजन समाज पार्टी (BSP) के विधायक रहे राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी 2023 को हत्या कर दी गई थी। गोली और बम से किए गए हमले में उमेश पाल के गनर संदीप निषाद और राघवेंद्र सिंह की भी मौत हो गई थी। जिस समय हत्या को अंजाम दिया गया, उस समय उमेश पाल कोर्ट से गवाही देकर घर लौटे थे।

इस मामले में पुलिस ने अब तक कई आरोपितों को गिरफ्तार किया है। वहीं, कुछ आरोपित पुलिस मुठभेड़ में भी ढेर हुए हैं। कुछ फरार भी है। इस घटना का मुख्य शूटर और अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन तथा बेटे अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस ने इन पर इनाम घोषित किया है।