नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस्लामिक स्टेट- खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) मामले में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में पांच स्थानों पर छापेमारी की है. केंद्रीय एजेंसी ने शनिवार को मध्य प्रदेश के सिवनी में चार और पुणे में एक स्थान पर छापेमारी की. एनआईए की टीमों ने पुणे में तल्हा खान और सिवनी में अकरम खान के घरों की तलाशी ली. एनआईए ने कहा कि दिल्ली में जामिया के ओखला से एक कश्मीरी दंपति जहानजैब सामी वानी और उनकी पत्नी हिना बशीर बेग की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा मामला दर्ज किया गया था.
एजेंसी ने कहा, एक अन्य आरोपी अब्दुल्ला बासित की भूमिका भी सामने आई है, जो पहले से ही एक अन्य मामले में तिहाड़ जेल में बंद था. उसी दिन एनआईए ने शिवमोगा आईएस साजिश मामले में सिवनी में तीन अन्य स्थानों पर तलाशी ली. जिन स्थानों की तलाशी ली गई उनमें संदिग्ध अब्दुल अजीज सलाफी और शोएब खान के आवासीय और व्यावसायिक परिसर शामिल थे. शिवमोगा मामले में विदेश से रची साजिश के तहत आरोपी व्यक्ति मोहम्मद शरीक, माज मुनीर खान, यासीन और अन्य ने विदेशों में स्थित अपने आकाओं के निर्देश पर गोदामों, शराब की दुकानों जैसी सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को निशाना बनाया गया. हार्डवेयर की दुकानों, वाहनों और एक विशेष समुदाय के सदस्यों से संबंधित अन्य संपत्तियों और आगजनी और तोड़फोड़ की गई और 25 से अधिक घटनाओं को अंजाम दिया.
19 नवंबर को मैंगलोर में आईईडी विस्फोट की योजना
एजेंसी के मुताबिक, इन लोगों ने एक मॉक आईईडी ब्लास्ट भी किया. उन्हें उनके ऑनलाइन हैंडलर द्वारा क्रिप्टो-करंसी से फाइनेंसियल सपोर्ट दिया जा रहा था. बड़ी साजिश के तहत, आरोपी मोहम्मद शरीक ने पिछले साल 19 नवंबर को मैंगलोर के कादरी मंदिर में आईईडी विस्फोट करने की योजना बनाई थी. हालांकि, आईईडी एक हादसे में समय से पहले ही फट गया था. 40 वर्षीय अब्दुल सलाफी सिवनी जामिया मस्जिद में मौलाना हैं, जबकि 26 वर्षीय शोएब ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स बेचते हैं.
सलाफी, अपने सहयोगी शोएब के साथ, ‘चुनावों में मतदान करना मुसलमानों के लिए पाप है’ जैसे मैसेज का सक्रिय रूप से प्रचार करते पाए गए. मौलाना अजीज सलाफी के नेतृत्व वाला समूह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कई दक्षिणी राज्यों के भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को YouTube पर भड़काऊ और भड़काऊ भाषणों के माध्यम से कट्टरपंथी बनाने की प्रक्रिया में था. “वे सिवनी जिले में ऐसे कट्टरपंथी व्यक्तियों को एक साथ लाने की भी कोशिश कर रहे थे.”
सोशल मीडिया से झूठा प्रचार
आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने कहा कि वे प्रभावशाली युवाओं को इस तरह के झूठे प्रचार प्रसार के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे थे. इस तरह के प्रयासों को आगे बढ़ाने में, एनआईए ने कहा कि अजीज सलाफी कर्नाटक के गिरफ्तार आरोपी माज मुनीर अहमद के संपर्क में भी था, जिसने परीक्षण विस्फोट के लिए विस्फोटक सामग्री खरीदी थी. माज को एनआईए ने पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया था. एनआईए ने कहा कि आरोपियों के कनेक्शन की पूरी साजिश का पता लगाने के लिए जांच जारी है.”