नई दिल्ली। शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई को लेकर उद्धव गुट की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट राजी हो गया है. SC में कल (बुधवार) दोपहर 3.30 बजे इस मुद्दे पर सुनवाई होगी. इससे पहले मंगलवार को कोर्ट में याचिका को लेकर सुनवाई हुई.
दरअसल, चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और पार्टी सिंबल शिंदे गुट को देने का फैसला किया था, जिसके बाद उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. वे सोमवार को ही इस मसले पर संविधान पीठ के समक्ष सुनवाई चाहते थे. हालांकि, अदालत ने यह कहते हुए सोमवार को सुनवाई करने से इनकार कर दिया था कि अर्जेंट सुनवाई के लिए एक उचित प्रक्रिया है, जिसका पालन किया जाना चाहिए.
शिंदे गुट ने दाखिल की थी कैविएट
शिवसेना का नाम और निशान मिलने से उत्साहित शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर ये मांग कर दी थी कि बिना उनका पक्ष सुने कोई भी एकतरफा आदेश पारित न किया जाए. उद्धव गुट की नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के बयान ने पहले ही कयास लगने लगे थे कि उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट जा सकता है. उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा गया था कि अब लोकतंत्र की रक्षा सुप्रीम कोर्ट को ही करनी होगी.
लागातार निशाना साध रहा उद्धव गुट
बता दें कि शिंदे गुट के पास शिवसेना का नाम और बार्टी सिंबल जाने के बाद उद्धव गुट लगातार शिंदे सरकार और केंद्र की मौदी सरकार पर निशाना साध रहा है. सोमवार को भी महाराष्ट्र पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने बीजेपी और शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी के तलवे चाटने के लिए पैदा नहीं हुई है.
‘शिवसेना को खत्म करने की कोशिश’
उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा था कि शिवसेना को ‘सुपारी’ देकर खत्म करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा था, ‘अभी हमारे लिए यह सबसे कठिन समय है. आज हम फिर उस मोड़ पर आकर खड़े हो गए हैं, जब शिवसेना प्रमुख बालासाहेब हमें छोड़कर चले गए थे. ‘उन्होंने आगे कहा था कि बालासाहेब के निधन के बाद कहा गया कि अब शिवसेना नहीं चल पाएगी. लेकिन हमने इस बात को गलत साबित करके दिखाया. हमने शिवसेना को चलाकर दिखा दिया. केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर हम अभी नहीं जागे तो 2024 के बाद हम तानाशाही के अधीन हो जाएंगे.
अमित शाह ने कही थी ये बात
चुनाव आयोग के फैसले पर अमित शाह का भी बयान आया था. केंद्रीय गृहमंत्री ने पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान शिवसेना के नाम और निशान को लेकर कहा था कि चुनाव आयोग ने दूध का दूध और पानी कर दिया है. गृहमंत्री ने कहा था कि UPA काल में हर मंत्री खुद को प्रधानमंत्री मानता था और प्रधांनमंत्री को भी प्रधानमंत्री नहीं मानते थे.
उन्होंने कहा था कि UPA के कार्यकाल में 12 लाख करोड़ के घोटाले हुए. इससे भारत की छवि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धूल में मिल गई. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि असली शिव सेना और चिह्न हमारे मित्र पक्ष को मिला है. उन्होंने कहा था कि इन लोगों ने मोदीजी का बड़ा फोटो लगाकर वोट मांगा. और चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बनने के लालच मे कांग्रेस-एनसीपी के तलवे चाटे.