नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक गूगल (Google Layoff) ने हाल ही पिछले ही महीने 12,000 लोगों की छंटनी का ऐलान किया था. कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा था कि वह इस फैसले की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं. साथ ही उन्होंने यह भी बताया था कि इसका असर सबसे पहले यूएस में काम कर रहे कर्मचारियों पर पड़ेगा और फिर धीरे-धीरे अन्य देशों में भी छंटनियां शुरू कर दी जाएंगी. भारत में छंटनियां अभी शुरू ही हुई हैं. इसी बीच गूगल ने लिंक्डिन पर भारत में कई पदों के लिए आवेदन मांग लिए हैं.
जिन पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं उनमें मैनेजन, स्टार्टअप सक्सेस टीम, इम्पलॉई रिलेशन पार्टनर, स्टार्टअप सक्सेस मैनेजर, गूगल क्लाउड, वेंडर सॉल्यूशन कंसल्टेंट, प्रोडक्ट मैनेजर और डेटाबेस इंसाइट आदि शामिल हैं. ये नौकरियां हैदराबाद, बेंगलुरू और गुरुग्राम ऑफिस के लिए निकाली गई हैं.
भारत में छंटनियां शुरू
खबरों के अनुसार, गूगल इंडिया ने गुरुवार रात ईमेल भेजकर करीब 453 कर्मचारियों को उनकी सेवा समाप्त होने की सूचना दी. बिजनेस लाइन अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये ईमेल गूगल के कंट्री हेड और वाइस प्रेसिडेंट संजय गुप्ता के द्वारा भेजा गया है. हालांकि, गूगल की ओर से अभी इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि क्या है उन 12,000 कर्मचारियों में ही शामिल हैं जिन्हें बाहर निकालने का ऐलान पिछले महीने किया गया था, या फिर ये नई छंटनियां हुई हैं. गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट ने पिछले महीने अपनी ग्लोबल फोर्स का 6 फीसदी घटाने का ऐलान किया था.
छंटनी केवल गूगल में नहीं की गई है. मेटा ने करीब 13,000 और माइक्रोसॉफ्ट ने 11,000 लोगों को निकालने की घोषणा की थी. मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने माफी मांगते हुए कहा था कि महामारी के दौरान और उससे पहले कंपनी ने अति उत्साही होकर ज्यादा भर्तियां कर ली. इन सबसे ऊपर अमेजन ने करीब 18,000 लोगों की छंटनी का ऐलान किया था. इसके अलावा सेल्सफोर्स ने भी हजारों लोगों को नौकरी से बाहर कर दिया था. कई भारतीय कंपनियों ने इसी राह पर चलते हुए जनवरी में कुल 2100 लोगों को बाहर कर दिया. इसमें स्विगी के 300, शेयरचैट के 600, ओला के 200 और डुन्जो के 90 कर्मचारियों की छंटनी शामिल थी.