लखनऊ। यूपी भाजपा में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. संगठन में 70 फीसदी पदाधिकारियों को बदलने की तैयारी चल रही है. जिसे डेढ़ महीने में अमलीजामा पहना दिया जाएगा. यह बदलाव यूपी भाजपा को नया अक्ष्यक्ष मिलने के बाद हो रहा है. सूत्रों का कहना है कि बड़ी संख्या में नये चेहरों को जगह मिलेगी. कहा जा रहा है कि सबसे पहले उन चेहरों को बदला जाएगा जो सरकार और संगठन दोनों का हिस्सा हैं. लिस्ट में छह मंत्रियों के भी नाम हैं. इस संबंध में भूपेंद्र सिंह और संगठन महासचिव धर्मपाल सिंह ने कवायद भी शुरू कर दी है.
सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल पर भाजपा लगातार काम रह रही है. जिसके केंद्र में 2024 के लोकसभा चुनाव को रखकर भाजपा बदलाव करने जा रही है. संगठन से उन नेताओं को बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है जो अपने पुराने पैरोकारों पर निर्भर थे. ऐसे चेहरों को भी संगठन में पद नहीं मिलेगा जो लोकसभा चुनाव में टिकट के लिए दावेदारी कर सकते हैं. इस बदलाव में उन चेहरों को फायदा भी होने वाला है जो लंबे समय से हाशिये पर थे.
यूपी भाजपा के प्रवक्ता हीरो वाजपेयी ने कहा कि नये प्रदेश अध्यक्ष के पदभार ग्रहण करने के बाद संगठन का विस्तार और परिवर्तन सामान्य बात है. पार्टी अपने मूल्यों के आधार पर निर्णय लेती है. जिसमें मिशन-75 प्लस को भी ध्यान में रखा जाएगा.
संगठन में बदलाव के चलते अरविंद कुमार शर्मा और दयाशंकर सिंह मंत्री बनने के कारण टीम का हिस्सा नहीं होंगे. कुछ उपाध्यक्षों को महामंत्री बनाया जा सकता है. इनमें पंकज सिंह और बृज बहादुर का नाम प्रमुख है. कहा जा रहा है कि वर्तमान उपाध्यक्षों में केवल छह को ही इस पद पर जिम्मेदारी मिलेगी.
बदलाव के इस क्रम में अहम बात ये है कि सुनील बंसल और स्वतंत्र देव सिंह का प्रभाव कम ही देखने को मिलेगा. भाजपा में 15 सितंबर के बाद शुरू होने वाली बदलाव की ये बयार 15 अक्टूबर तक जारी रहेगी. इसके बाद जिला स्तर पर भी बदलाव होंगे. जिसमें नगर निकाय चुनाव को देखते हुए निर्णय लिए जाएंगे.