नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आम्रपाली ग्रुप की परियोजनाओं को लेकर दायर कई याचिकाओं पर 3 सितंबर को सुनवाई करेगा. सीजेआई न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ इन याचिकों पर सुनवाई करेगी. अदालत वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमणि की रिपोर्ट की जांच करेगी, जिन्हें पहले होमबॉयर्स से संबंधित मुद्दों को देखने के लिए कोर्ट रिसीवर के रूप में नियुक्त किया गया था. कोर्ट ने 22 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में सुरेखा परिवार के संबंध में जांच को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दाखिल की गई स्थिति रिपोर्ट पर संज्ञान लिया था.
उक्त रिपोर्ट के अनुसार, 215 करोड़ रुपये की टीएमटी बार की आपूर्ति वास्तविक नहीं पाई गई. लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत मामले में एक विस्तृत जांच अब भी चल रही है और उसके समाप्त होने के बाद ही उचित कदम उठाए जाएंगे. 25 जनवरी, 2019 को, शीर्ष अदालत ने सरकार के स्वामित्व वाले राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (National Buildings Construction Corporation) को दो रुकी हुई आम्रपाली आवास परियोजनाओं को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी थी. 23 जुलाई, 2019 को, अदालत ने एनबीसीसी को नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्रों में आम्रपाली की अधूरी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने और इन्हें जल्द से जल्द घर खरीदारों को सौंपने के लिए कहा था.
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप का रेरा (Real Estate Regulatory Authority) रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया था. 18 जुलाई, 2022 को शीर्ष अदालत ने कहा था, ‘आम्रपाली ग्रुप की ओर से उठाए गए आर्थिक दावे को हम विचार के लिए तब स्वीकार करेंगे, जब कंपनी सभी फ्लैट खरीददारों को उनके द्वारा बुक किए गए संबंधित अपार्टमेंट का पजेशन उन्हें दे दे, नोएडा ग्रेटर नोएडा जैसे वैधानिक संस्थाओं या निगमों और बिजली कंपनी के सभी मुद्दों को मानकर उन्हें संतुष्ट कर दे.’ 18 जुलाई, 2022 को शीर्ष अदालत ने फ्लैट खरीदारों को हो रही परेशानी और परियोजनाओं के निर्माण की प्रगति पर विचार करने के बाद, बिजली कंपनी को बिजली आपूर्ति बहाल करने का निर्देश दिया था.