झारखंड के दुमका में अंकिता (17) का सोमवार सुबह अंतिम संस्कार कर दिया गया। उसके दादा ने उसे मुखाग्नि दी। कड़ी सुरक्षा में उसकी अंतिम यात्रा निकाली गई। रविवार की सुबह जब उसकी मौत की खबर आई तो दुमका में तनाव की स्थिति बन गई। दुकान-बाजार बंद हो गए। गुस्साए लोग सड़कों पर उतर गए और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
प्रदर्शनकारियों ने दुमका-भागलपुर रोड को घंटों जाम रखा। इस विरोध प्रदर्शन में वीएचपी, बजरंग दल, भाजपा के अलावा बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। लोगों ने बाजार भी बंद कराया। स्थिति तनावपूर्ण देखते हुए प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 144 लगा दी है।
सोमवार सुबह भी ऐसे ही हालात रहे। आरोपी शाहरुख को फांसी देने की मांग की गई। अंकिता ने 5 दिनों तक संघर्ष के बाद रांची के रिम्स में दम तोड़ दिया। उसने शनिवार की देर रात अंतिम सांस ली।
अफसरों की देखरेख में अंतिम संस्कार हुआ
अंतिम यात्रा सोमवार सुबह जरुआडीह स्थित अंकिता के घर से निकली। आखिरी सफर में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। जिले के डिप्टी डेवलपमेंट कमिश्नर कर्ण सत्यार्थी, एसडीएम महेश्वर महतो पूरे समय नजर बनाए रखे। कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए सैकड़ों की संख्या में महिला और पुलिस बल तैनात किए गए हैं। घटना के विरोध में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने दुमका बंद बुलाया है।
शाहरुख ने खिड़की से पेट्रोल डाल आग लगा दी थी
23 अगस्त को अंकिता दुमका के जरुवाडीह मोहल्ले में अपने घर में सोई हुई थी। तभी लगभग 5 बजे पड़ोस के शाहरुख हुसैन ने खिड़की से पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। परिजन उसे दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए। प्राथमिक इलाज के बाद रिम्स रेफर कर दिया था।
पुलिस कस्टडी में हंसता दिखा…आरोपी को अफसोस नहीं
पुलिस कस्टडी में आरोपी हंसता हुआ दिखाई दिया। उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। पुलिस जब आरोपी को गिरफ्तार कर ले जा रही थी, तो वो हंसता हुआ दिखाई दिया। उसकी बॉडी लैंग्वेज से भी ऐसा नहीं लग रहा था कि उसे किसी तरह का अफसोस है।
मौत से चंद घंटे पहले अंकिता ने पूरी घटना बयां की…
अस्पताल में भर्ती अंकिता ने मौत से कुछ ही घंटों पहले अपने साथ हुई बर्बरता की पूरी कहानी बयां की थी। उसने बताया कि घटना 23 अगस्त की सुबह पांच बजे के आसपास की है। मैं अपने कमरे में सो रही थी, अचानक कमरे की खिड़की के पास आग की लपटें देखकर मैं डर गई। जब मैंने खिड़की खोली तब देखा कि मोहल्ले का शाहरुख हुसैन हाथ में पेट्रोल का कैन लिए मेरे घर की तरफ से भाग रहा था। तब तक आग मेरे शरीर में भी लग चुकी थी और मुझे काफी जलन सी महसूस हो रही थी।
10-15 दिन से परेशान कर रहा था
अंकिता ने बताया, ‘मैं सिर्फ यही देख पाई कि ब्लू टीशर्ट पहने, हाथ में पेट्रोल की कैन लिए शाहरुख भाग रहा था। ये वही शाहरुख था जो पिछले 10-15 दिन से मुझे परेशान कर रहा था। मोहल्ले में उसे आवारा किस्म के लड़के के रूप में सब जानते थे। उसका काम सिर्फ लड़कियों को परेशान करना और उन्हें अपने झांसे में लेकर इधर-उधर घुमाना था।
स्कूल और ट्यूशन जाते समय पीछा करता
अंकिता ने मौत से पहले के अपने बयान में कहा कि पिछले दस-पंद्रह दिन से वह मेरा पीछा कर रहा था। जब भी मैं स्कूल या ट्यूशन के लिए जाती, वह मेरा पीछा करता। हालांकि, मैंने कभी उसकी हरकतों को सीरियसली नहीं लिया, लेकिन उसने कहीं से मेरे मोबाइल का नम्बर जुगाड़ लिया था। उसके बाद अक्सर मुझे फोन करके मुझसे दोस्ती करने का दबाव बनाने लगा।
परिवार को मारने की धमकी दी थी
अंकिता के मुताबिक, शाहरुख ने धमकी भी दी थी कि अगर मैं उसकी बात नहीं मानूंगी तो वह मुझे और मेरे परिवार वालों को मार देगा। मुझे उसकी हरकतों का अंदेशा तो था, लेकिन यह नहीं समझ पाई कि मेरे साथ ऐसा होगा। 22 अगस्त की रात उसने मुझे धमकी दी थी कि अगर मैं उसकी बात नहीं मानूंगी तो वह मुझे मारेगा। मैंने पापा को यह बात बताई तो उन्होंने कहा कि सुबह होने के बाद इस मामले का हल निकाला जाएगा। कोई इस समस्या का हल निकल पाता 23 अगस्त की सुबह शाहरुख ने पेट्रोल छिड़ककर मुझे जला डाला।