डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। यह डॉलर के मुकाबले रुपये का अब तक का सबसे निचला स्तर है। रुपये में गिरावट की बड़ी वजह यूएस फेड के मुखिया की तरफ से दिए गए संकेत हैं। यूएस फेड के चीफ जेरोम पॉवेल ने शुक्रवार को सेंट्रल बैंकों के साथ हुई मीटिंग में इशारों-इशारों में कहा था कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में अभी ढिलाई संभव नहीं है। इन्हीं संकेतों के बाद रुपया और कमजोर हो गया। एक डॉलर की कीमत अब 80.11 रुपये हो गई है। बता दें, इससे पहले की क्लोजिंग में एक डॉलर की कीमत 79.97 रुपये थी।
इससे पहले, पिछले महीने डॉलर के मुकाबले रुपये ने अपने पुराने सभी रिकॉर्ड्स को तोड़ा था। तब एक डॉलर की कीमत 80.0650 रुपये थी। आज की गिरावट ने पिछले महीने के रिकॉर्ड को भी तोड़ कर दिया है। बता दें, शेयर बाजार की स्थिति भी सोमवार को शुरुआती कारोबार में काफी खराब है। सेंसेक्स 1466 अंकों की गिरावट के साथ खुला है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वीके विजयकुमार कहते हैं,‘मार्केट को उम्मीद थी कि यूएस फेड के चीफ सकरात्मक बने रहेंगे। लेकिन उनकी चेतावनी लोगों और बिजनेस के लिए अच्छी नहीं है। महंगाई को कम करने के लिए इस तरह की सख्ती की उम्मीद कम थी।’ कमजोर रुपये की स्थिति एफपीआई के जरिए हो रहे निवेश को भी झटका दे सकता है। बता दें, पिछले कुछ सप्ताह में एफपीआई के जरिए निवेश बढ़ा था।