लखनऊ। राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में 25 जुलाई की देर शाम कपड़ा कारोबारी महेंद्र मौर्य की हत्या मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. रविवार को डीसीपी पश्चिम एस चिनप्पा ने बताया कि इस मामले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. डीसीपी पश्चिम ने बताया कि वारदात में शामिल सतीश और मुकेश रावत को गिरफ्तार कर लिया गया है. वारदात के वक्त सतीश ने अपनी अल्टो कार से महेंद्र की कार को ओवरटेक कर रोका था, जबकि मुकेश रावत ने फायरिंग कर रहे संजय मौर्य और ज्ञान सिंह यादव को कवर दिया था. पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल अल्टो कार बरामद कर ली है.
डीसीपी पश्चिम ने बताया कि महेंद्र मौर्य की हत्या की जांच के दौरान यह बात सामने आई कि 6 महीना पहले ही उसकी शादी हुई थी. महेंद्र की ससुराल से जुड़ी तमाम जानकारियां जुटाने की जिम्मेदारी एक टीम को दी गई थी. उस टीम को लीड मिली कि महेंद्र की पत्नी से उसका रिश्ते का मामा संजय मौर्य एकतरफा प्रेम करता था और संजय ने इस शादी की राह में रोड़े भी अटकाए थे, लेकिन 25 जनवरी को ये शादी हो गई. शादी के बाद भी महेंद्र मौर्य अपनी रिश्ते की भांजी यानी महेंद्र की पत्नी को परेशान करता रहा.
पुलिस के मुताबिक अभी कुछ दिन पहले ही एक्सप्रेसवे पर महेंद्र ने संजय को अपनी पत्नी से दूर रहने की सख़्त हिदायत दी थी. इसी दिन संजय ने महेंद्र की हत्या का प्लान बनाना शुरू कर दिया था. इसके लिए संजय ने बाराबंकी जेल में बंद अपने आपराधिक प्रवृति के दोस्त ज्ञान सिंह यादव उर्फ ज्ञानी को जेल से निकलवाया। वारदात से चार दिन पहले ही महेंद्र की रेकी की गई और 25 जुलाई को भंवर पुल के नीचे उसकी कार को ओवरटेक कर रोका गया. एक तरफ से खुद संजय और दूसरी तरफ से ज्ञान ने महेंद्र की कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी, जिससे मौके पर ही महेंद्र की मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महेंद्र के शरीर पर आठ गोलियां लगने की बात सामने आई. हालांकि पुलिस अबतक मुख्य आरोपी संजय मौर्य और ज्ञान सिंह यादव को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.