लखनऊ। समाजवादी पार्टी के गठबंधन छोड़ने के संकेत मिलने के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव का बयान भी आया है. शिवपाल ने ट्वीट किया और कहा- मैं वैसे तो सदैव से ही स्वतंत्र था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने हेतु सहृदय धन्यवाद. उन्होंने आगे कहा कि राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों और सम्मान से समझौता अस्वीकार्य है.
मैं वैसे तो सदैव से ही स्वतंत्र था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने हेतु सहृदय धन्यवाद।
राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों एवं सम्मान से समझौता अस्वीकार्य है।
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) July 23, 2022
दरअसल, यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात की थी और गठबंधन किया था. शिवपाल ने सपा के सिंबल पर जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. हालांकि, उसके बाद शिवपाल यादव और अखिलेश के बीच दूरियां बढ़ती गईं.
शिवपाल ने एक खुला पत्र लिखा और कहा कि मुलायम सिंह यादव को ISI का एजेंट कहकर अपमानित करने वाले को कट्टर सपाई कभी समर्थन नहीं करेगा. उन्होंने अखिलेश को समर्थन देने से पहले एक बार फिर विचार करने के लिए कहा था.
बाद में अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव पर हमला किया था और ‘दिल्ली से (भाजपा द्वारा) एक ‘इशारा’ (डायरेक्शन) था, जिसके बाद एक उपमुख्यमंत्री ने एक अखबार के पुराने आर्टिकल को ट्वीट किया, जिसमें मुलायम पर सिन्हा की ‘आईएसआई एजेंट’ की टिप्पणी के बारे में लिखा गया था. उसके बाद इसे (शिवपाल यादव द्वारा) प्रसारित किया गया.’ अखिलेश ने उन्हें भगवा पार्टी द्वारा ‘नेताजी’ (मुलायम सिंह यादव) और सपा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा के बारे में याद दिलाया.
अखिलेश ने कहा- ‘चाचा (शिवपाल यादव) को हाल के यूपी चुनावों के दौरान भाजपा की भाषा को याद करना चाहिए. भाजपा की भाषा हमेशा नेताजी और समाजवादी के प्रति खराब रही है.’
खुलकर सपा अध्यक्ष और भतीजे अखिलेश यादव पर हमला बोला है. शिवपाल ने इशारों-इशारों में यहां तक कह दिया है कि अखिलेश ने मेरा और मुलायम सिंह यादव तक का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाकर अपमान किया गया है. कट्टर सपाई नेताजी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते.