गुजरात में कांग्रेस पार्टी, जिसने 2017 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को विधानसभा चुनाव के दौरान कड़ी टक्कर दी थी। पार्टी अब चुनाव से गायब है। वो भी ऐसे समय पर जब आम आदमी पार्टी (आप) खुद को एक विकल्प के रूप में पेश करके गुजरात में पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षकों और विशेषज्ञों का मानना है कि पार्टी को यहां बैकफुट पर रह सकती है।
जिग्नेश मेवाणी को पार्टी से उम्मीद
दलित नेता और वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी, जो हाल ही में गुजरात कांग्रेस प्रदेश कमेटी में कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर शामिल हुए हैं, पार्टी की संभावनाओं को लेकर आशावादी हैं। मेवानी ने हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, ‘राज्य में किसी भी विपक्षी पार्टी का सफाया करने के लिए जिस तरह से फांसीवादी ताकतों ने कॉरपोरेट्स के साथ हाथ मिलाया है, उसे देखते हुए यह अभूतपूर्व है। कांग्रेस को एक खास तरीके से प्रदर्शित करने के लिए मीडिया में प्रचार किया जा रहा है।’
बीजेपी और आप के राष्ट्रीय नेताओं ने इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में बार-बार आना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो महीने में छह बार गुजरात का दौरा किया और इसी अवधि में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पांच बार गुजरात आए हैं। वहीं राज्य में कांग्रेस नेता कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। चार महीने पहले राहुल गांधी द्वारका आए थे और उन्होंने आगामी गुजरात चुनावों के रोडमैप को लेकर चर्चा की थी।
10 मई को गुजरात आए थे राहुल गांधी
राहुल गांधी ने आखिरी बार 10 मई को गुजरात का दौरा किया था, तब उन्होंने आदिवासी बहुल दाहोद शहर में आदिवासी सत्याग्रह रैली को संबोधित किया था। बता दें कि गुजरात में दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी एक साल से अधिक समय से प्रचार मोड में है। गुजरात बीजेपी प्रमुख सी आर पाटिल रणनीतियों पर काम कर रहे हैं और उन्हें लागू कर रहे हैं।