फैक्ट चेक के नाम पर प्रोपेगेंडा फैलाने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के को फाउंडर मोहम्मद जुबैर को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है। 4 दिन की पुलिस कस्टडी खत्म होने के शनिवार (2 जुलाई 2022) को दिल्ली पुलिस ने जुबैर को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। इसके साथ ही पुलिस ने आरोपित की 14 दिनों की न्यायिक हिरासत की माँग भी की। पुलिस का आरोप है कि जुबैर जाँच में सहयोग नहीं कर रहा है।
सोशल मीडिया विश्लेषण के दौरान पुलिस ने पाया कि मोहम्मद जुबैर की गिरफ़्तारी के बाद उसका समर्थन कर रहे अधिकतर ट्विटर हैंडल्स पाकिस्तान के हैं। UAE, बहरीन और कुवैत से भी बड़ी संख्या में उसके समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट्स किए गए। AltNews की पैरेंट कंपनी ‘Pravda Media’ को विदेश से 2,31,933 रुपए विदेश से मिले हैं। ‘Razorpay’ नामक पेमेंट गेटवे द्वारा दी गई प्रतिक्रिया के अनुसार, कई लेनदेन ऐसे थे जिनके आईपी एड्रेस बैंकॉक, मनामा, नॉर्थ हॉलैंड, विक्टोरिया, न्यूयॉर्क, सिंगापुर और रियाद के थे।
इनमें बलदियात अद दावा, शारजाह, स्टॉकहोम, आईची, न्यू जर्सी, ओंटारियो, कैलिफोर्निया, टेक्सास और दुबई व स्कॉटलैंड जैसे लोकेशंस भी शामिल हैं।
BREAKING: Alt News Co-founder #MohammedZubair produced before the Patiala House Court. He was remanded to police custody for 4 days. He has been produced in the court after completion of the period.
— LawBeat (@LawBeatInd) July 2, 2022
मामले की सुनवाई मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया ने की। मामले की सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है। क्योंकि आरोपित पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है। अतुल श्रीवास्तव ने अदालत को यह भी बताया कि पुलिस ने जुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 201 (सबूत नष्ट करना) और विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम की धारा 35 के नए केस दर्ज किए हैं।
लोक अभियोजक ने कोर्ट को बताया कि जब जुबैर के फोन की समीक्षा की गई, तो पाया गया कि वो रेडमी के फोन का इस्तेमाल कर रहा है। इसके अलावा जब उसके फोन को जब्त किया गया तो उसने सिम निकालकर दूसरे मोबाइल डाल लिया। उसके कॉल रिकॉर्ड को खंगालने पर पता चला है कि उसे यूएई समेत कई देशों से फंडिंग की गई है।
जुबैर की वकील ग्रोवर ने आरोप लगाया कि यात्रा करते वक्त उसके फोन को सीज कर लिया गया। साथ ही पूछा कि क्या अपने फोन को फॉर्मेट करना अपराध है? जुबैर ने दावा किया कि उसके ट्वीट में बताया गया है कि वो एन्ड्रॉइड मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा था। फिर मेरे लैपटॉप को क्यों जब्त किया गया?
इसके साथ ही उसने डाटा की समीक्षा के साथ ही उसकी सुरक्षा की भी माँग की है। जुबैर ने दावा किया कि उसने 2018 में जिस फोन से ट्वीट किया था, उसे इसी साल मार्च में किसी ने तोड़ दिया था। अब वो खो गया है।