राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 6 कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले में गिरफ्तार राज मोहम्मद को लेकर बड़ा खुलासा किया गया है। उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के अधिकारियों ने बुधवार (29 जून 2022) को दावा किया कि राज मोहम्मद संदिग्ध समूहों के साथ ऑनलाइन संपर्क में था और उनकी कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित था। यही नहीं वह इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक से भी प्रेरित था।
राज मोहम्मद (20 वर्षीय) से पूछताछ कर रहे एटीएस के अधिकारियों ने आरोपित के आरएसएस के कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी देने के पीछे ज्ञानवापी विवादित ढाँचे का मुद्दा और कर्नाटक का हिजाब विवाद बताया है। एटीएस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नवीन अरोड़ा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि मोहम्मद एक कट्टरपंथी युवा है, जो जिहाद से संबंधित साहित्य पढ़ता है और उसका पालन करता है। उन्होंने कहा, “हमने उसके फोन की फोरेंसिक जाँच कराई है, जिसकी रिपोर्ट का इंतजार है।”
एटीएस ने आगे यह भी दावा किया है कि उसके व्हाट्सएप और उनकी साइबर यूनिट को प्राप्त अन्य चैट से पता चला है कि मोहम्मद लेबनान और सीरिया में कुछ संदिग्ध समूहों के संपर्क में था। एटीएस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि मोहम्मद खुद को एक ‘मसीहा’ मानता है, जो दुनिया को बुराई और अन्याय से छुटकारा दिलाने का दावा करता है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि जब उससे पूछा गया कि उसने केवल कर्नाटक और यूपी में ही बम लगाने की धमकी क्यों दी, तो आरोपित ने जवाब दिया कि वह कर्नाटक के स्कूलों में मुस्लिम लड़कियों को हिजाब नहीं पहनने देने से आहत था। साथ ही वह उत्तर प्रदेश के ज्ञानवापी विवादित ढाँचे के मुद्दे को लेकर भी बेहद परेशान था।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 6 कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले आरोपित को 7 जून को यूपी पुलिस के कहने पर तमिलनाडु पुलिस ने चंद घंटों में गिरफ्तार किया था। बताया गया था कि ‘अल अंसारी इमाम रजी उन मेंहदी’ नामक व्हाट्सएप्प ग्रुप में कन्नड़, अंग्रेजी और हिंदी में सन्देश भेज कर लखनऊ के 2 और कर्नाटक के 4 RSS कार्यालयों में बम विस्फोट की धमकी दी गई थी।