रूस और यूक्रेन की लड़ाई को 122 दिन हो चुके हैं और जंग रुकने की उम्मीद दूर-दूर तक नहीं दिख रही है. इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ये कहकर चौंका दिया है कि वह अपने पड़ोसी देश बेलारूस को परमाणु हमला करने में सक्षम इस्कंदर मिसाइल (Iskander-M) सिस्टम उपलब्ध कराएंगे. पुतिन पश्चिमी देशों को यूक्रेन की मदद करने से रोकने के इरादे से पहले भी कई बार परमाणु मिसाइलों के इस्तेमाल की संकेतों में धमकी दे चुके हैं. पुतिन ने बेलारूस के लड़ाकू विमानों को न्यूक्लियर मिसाइल के लायक बनाने में मदद का भी वादा किया. पुतिन का ये ऐलान रविवार को जर्मनी में दुनिया के ताकतवर देशों के संगठन जी7 की बैठक शुरू होने से ठीक एक दिन पहले सामने आया.
रूसी राष्ट्रपति पुतिन और बेलारूस के राष्ट्रपति एलेग्जेंडर लूकाशेंको के बीच शनिवार को सेंट पीटर्सबर्ग में मुलाकात हुई. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद पुतिन ने कहा कि हम आने वाले महीनों में बेलारूस को इस्कंदर-एम टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम प्रदान करेंगे. ये बैलिस्टिक और क्रूज दोनों तरह की मिसाइलें छोड़ सकता है. इसके जरिए कन्वेंशनल और परमाणु दोनों तरह के हथियार दागे जा सकते हैं. पुतिन ने ये भी कहा कि वह बेलारूस के सुखोई-25 लड़ाकू विमानों को मॉडिफाई करने में भी मदद करेंगे ताकि उसके जरिए न्यूक्लियर मिसाइलें दागी जा सकें.
रॉयटर्स के मुताबिक, इस्कंदर-एम एक मोबाइल गाइडेड मिसाइल सिस्टम होता है. इसमें दो मिसाइलें लगी होती हैं. इन मिसाइलों की रेज करीब 500 किलोमीटर तक होती है. ये आम मिसाइलों के अलावा परमाणु आयुध भी ले जा सकती हैं. रूस ने इस्कंदर मिसाइलों को नाटो के सदस्य देश पोलैंड और लिथुआनिया के बीच अपने कब्जे वाले कलीनिनग्राद में पहले से तैनात कर रखा है.
यूक्रेन के एक और शहर पर रूसी कब्जा
यूक्रेन के साथ युद्ध में रूसी सेना को बड़ी कामयाबी मिली है. उसने अब सिविएरोदोनेत्स्क पर ‘पूरी तरह से कब्जा’ कर लिया है. ये यूक्रेन के पूर्व में लुहांस्क क्षेत्र में एक प्रमुख शहर है. इस शहर पर कब्जे का मतलब है कि लगभग लुहांस्क का पूरा क्षेत्र और निकटवर्ती दोनेस्क का ज्यादातर इलाका रूस के कब्जे में आ चुका है. ये दोनों यूक्रेन के डोनबास इलाके के प्रमुख रीजन हैं, जिन्हें रूस न सबसे पहले स्वतंत्र घोषित करके लड़ाई छेड़ी थी.