गुजरात 2002 दंगों के मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद पूर्व IPS अधिकारी आरबी श्रीकुमार (RB Sreekumar) को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस गिरफ्तारी पर इसरो (ISRO) के पूर्व वैज्ञानिक नम्बी नारायणन (Nambi Narayanan) ने संतोष जताया है। पूर्व वैज्ञानिक ने अपने साथ हुए एक केस में भी पूर्व IPS श्रीकुमार की भूमिका को गलत और पक्षपाती बताया है।
I came to know that he was arrested today for keeping on fabricating stories & trying to sensationalise them, there was a charge against him. It is exactly what he did in my case: Former ISRO scientist Nambi Narayan to ANI, on Ahmedabad Police detaining ex-IPS officer
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— ANI (@ANI) June 25, 2022
नम्बी नारायणन ने 25 जून 2022 को अपने बयान में कहा, “मुझे पता चला कि वो (आरबी श्रीकुमार) फर्जी कहानियाँ गढ़ने और सनसनी फैलाने के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है। ठीक यही उसने मेरे केस में भी किया था। हमारा सिस्टम ऐसा है, जहाँ कोई भी किसी के भी बारे में कुछ भी कह कर निकल सकता है। मुझे उसकी गिरफ्तारी से ख़ुशी है क्योंकि उसने तमाम सीमाओं को तोड़ दिया था। जो इसने मेरे साथ किया, उस पर मैं खुश था क्योंकि मुझे पता था कि ये अपनी हरकतें जारी रखेगा और एक दिन यही हरकतें उसे सजा दिलाएँगी।”
गौरतलब है कि 30 नवम्बर 1994 में नम्बी नारायणन को केरल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। नम्बी पर पाकिस्तानियों को भारत के रॉकेट लॉन्चर की टेक्नोलॉजी सप्लाई का आरोप लगाया गया था। उनके फोन को टेप करने की भी आशंका जताई गई थी। थाने के अंदर रात में उन्हें बेंच पर सुलाया गया था। बाद में कोर्ट ने उन्हें 11 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया था।
नम्बी नारायणन ने अपने साथ इस पुलिस कार्रवाई की शिकायत मानवाधिकार आयोग से की थी। NHRC ने इस मामले में केरल पुलिस और IB को मानवाधिकार उल्लंघन का दोषी पाया था। वैज्ञानिक नम्बी नारायणन को 10 लाख रुपए मुआवजा देने के भी आदेश दिए गए।
अधिकारियों के खिलाफ हाईकोर्ट से कार्रवाई की अपील की गई तो केरल हाईकोर्ट ने इसे राज्य सरकार के विवेक पर छोड़ दिया। CBI ने अपनी जाँच में पाया था कि यह साजिश भारत के स्पेश प्रोग्राम को बेपटरी करने के लिए रची गई थी। इसी के साथ इस पूरे मामले में भारत का अंतरिक्ष अभियान काफी पीछे चला गया था। IPS आरबी श्रीकुमार उस समय पुलिस में एडिशनल डॉयरेक्टर ऑफ़ इंटेलिजेंस के पद पर थे।