मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी संकट गहराता जा रहा है. आज पांचवें दिन उद्धव और शिंदे गुट में शह और मात का खेल तेज हो गया है. इस बीच, महा विकास अघाडी सरकार के सहयोगी दलों में बैठकों का दौर चल रहा है. एक दिन पहले शरद पवार समेत एनसीपी नेताओं की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ बैठक में सरकार पर संकट को लेकर चर्चा की गई और आगे की रणनीति तय की गई. सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान एनसीपी नेताओं ने शिवसेना की टॉप लीडरशिप पर ही सीधे सवाल किए.
एनसीपी की बैठक में ये प्रमुख सवाल किए गए…
1. इतने बड़े स्तर पर बगावत हो गई और शिवसेना का पूरा नेतृत्व कैसे अनभिज्ञ बना रहा?
2. यह अजीब लगता है कि जो नेता ‘वर्षा’ (सीएम हाउस) में बैठक में शामिल हुए थे, वे बाद में बागी हुए और गुवाहाटी चले गए.
3. जमीनी स्तर काम करने वाले कार्यकर्ताओं की तरफ से प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी जा रही है?
1. उद्धव ने कहा कि एकनाथ शिंदे हमारे पास आए और दो मुद्दे उठाए. पहला- फिर से बीजेपी के साथ जाने पर विचार किया जाए. दूसरा- फंड और अन्य विकास के मुद्दे पर विधायकों की शिकायत रखी. मैंने उनसे कहा कि बीजेपी के साथ जाना स्वीकार्य नहीं है, लेकिन फंड के मुद्दे पर चर्चा करेंगे.
2. सीएम ने बैठक में शामिल होने वाले विधायकों के बागी होने और गुवाहाटी जाने के तरीके पर भी अपनी पीड़ा जताई.
3. उद्धव ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही बागी विधायक महाराष्ट्र आएंगे. उनमें से कुछ उनके साथ वापस आ जाएंगे. उद्धव ने एनसीपी को यह भी बताया कि कुछ बागी विधायक SMS के जरिए उनसे बात कर रहे हैं और जवाब दे रहे हैं. इसलिए मुझे उनके वापस आने की उम्मीद है.
4. उद्धव ने शरद पवार से कहा कि शुरू में किसी भी हिंसा या विरोध के खिलाफ कैडर को निर्देश दिया गया था. अंदेशा था कि यह काउंटर प्रोडक्टिव साबित हो सकता है. लेकिन आने वाले दिनों में कार्यकर्ता जमीन पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे. अंत में पवार ने उद्धव से कानूनी समेत सभी विकल्प तलाशने को कहा है.