उद्धव ठाकरे ने कहा है कि मैं इस्तीफ़ा देने तैयार हूं, मेरी कोई मजबूरी नहीं है , मैं किसी पर निर्भर नहीं हूं. बीजेपी मुझे लगातार बुरा भला कह रही है. मुख्यमंत्री कहने के लायक नहीं कह रही है. कांग्रेस और राष्ट्रवादी कहती है तो मैं इस्तीफ़ा देने के लिए तैयार हूं. सीएम ने अपने संबोधन में इस बात पर भी जोर दिया कि अगर वे इस्तीफा दे भी देते हैं, वे अपनी जगह किसी शिवसैनिक को बतौर मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं.
उनका कहना है कि मेरी जगह कोई शिवसेना का मुख्यमंत्री बनेगा तो मुझे ख़ुशी होगी. जो नाराज विधायक हैं वो आएं और बात करें. मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार हूं. यह मेरा नाटक नहीं है….मैं आपके साथ आने तैयार हूं….संख्या किसके पास कितनी है इससे मुझे मतलब नहीं. जिसके पास संख्या होती है वो जीतता है.
संबोधन के दौरान उद्धव ठाकरे ने इशारों में एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधा. उन्होंने कुल्हाड़ी और पेड़ की कहानी का जिक्र करते हुए बागी विधायक पर तंज कसा. उनकी तरफ से ये भी कहा गया कि वे तो कभी सीएम नहीं बनना चाहते थे. उनके पास ऐसा कोई अनुभव नहीं था. लेकिन शरद पवार, सोनिया गांधी जैसे बड़े नेताओं ने उन पर भरोसा जताया था.
इस बारे में वे बताते हैं कि शरद पवार ने कहा कि तुम्हारे कन्धों पर जिम्मेदारी देनी है. उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की बात कही. सोनिया गांधी ने भी हम पर भरोसा जताया. आज सुबह कमल नाथ ने मुझे फोन किया और कहा कि हम सभी आपके साथ हैं.