महाराष्ट्र में सियासी उठा-पटक के बीच सूरत में डेरा जमाए शिवसेना के बागी विधायकों को अब असम के गुवाहाटी में शिफ्ट किया गया है। बागी दल के नेता एकनाथ शिंदे ने बताया है कि उनके पास 46 विधायकों का समर्थन है, जिनमें से 6-7 निर्दलीय हैं और बाकी के शिवसेना के हैं। उन्होंने बताया कि फ़िलहाल न तो उन्हें भाजपा की तरफ से कोई ऑफर आया है, न ही उनकी पार्टी से कोई बात हो रही है। उन्होंने बताया कि शिवसेना या पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे से भी फ़िलहाल कोई बात नहीं हो रही।
ANI से बात करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, “जहाँ तक ताज़ा राजनीतिक हालात की बात है, हमलोग बालासाहेब ठाकरे के शिवसैनिक हैं और हमेशा शिवसैनिक ही रहेंगे। भविष्य में क्या करना है, इस सम्बन्ध में अभी हमने कोई निर्णय नहीं लिया है।” उधर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि बाढ़ आपदा के इस समय में टैक्स देने वाले होटल अतिथियों का राज्य में स्वागत है। उन्होंने कहा कि ये जो टैक्स देते हैं, उससे सरकार को राजस्व प्राप्त होता है।
Right now we have 46 MLAs with us, including 6-7 Independent MLAs. Rest of them are Shiv Sena MLAs. This number will rise in the time to come. As of now we have neither received any proposal from BJP nor are we holding any talks with them: Rebel Shiv Sena MLA Eknath Shinde to ANI pic.twitter.com/3kdGKKuyCP
— ANI (@ANI) June 22, 2022
सीएम सरमा ने कहा कि अगर गुवाहाटी सभी राज्यों का राजनीतिक केंद्र बन जाता है, यहाँ तक कि केंद्र सरकार और अन्य देशों का भी, वो इसका स्वागत करेंगे। असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि बस यहाँ के होटल बुक रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ के इस आपदा के समय राज्य को वित्त चाहिए और टैक्स देने वाले पर्यटक चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर होटल के कमरे फुल हो जाते हैं तो इससे सरकार की भी कमाई होगी।
Shiv Sena's Chief Whip, #SunilPrabhu issues a letter to all party MLAs, asking them to be present in an important meeting that will be held today evening. Letter states that if someone remains absent, it'll be considered that the said MLA has decided to quit the party voluntarily
— The Times Of India (@timesofindia) June 22, 2022
उधर शिवसेना के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने पार्टी के सभी विधायकों के नाम एक पत्र जारी किया है, जिसमें उन्हें बुधवार (22 जून, 2022) की शाम होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि जो भी विधायक अनुपस्थित रहेगा, ये समझा जाएगा कि उसने स्वेच्छा से शिवसेना छोड़ दी है। साथ ही बिना किसी पूर्व सूचना या वैध कारण के अनुपस्थित रहने वाले विधायकों को संवैधानिक प्रक्रिया के तहत उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कराने की धमकी भी दी गई है।