नई दिल्ली। राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों के ऐलान के बाद कांग्रेस पार्टी के अंदर एक नई कलह शुरू हो गई है। कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी ने अनुभव और समर्पण पर यकीन न करते हुए बाहरी लोगों को राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। इसी बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद से भी फोन पर बात की है। हालांकि उनकी क्या बात हुई यह सार्वजनिक नहीं किया गया है। सूत्रों का कहना है कि रविवार को उन्होंने आजाद से बात की। उनका यह कदम यही दिखाता है कि वह असंतुष्ट नेताओं को मनाने में कसर नहीं छोड़ रही हैं।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और जी 23 में से एक आनंद शर्मा को भी राज्यसभा का टिकट नहीं दिया गया है। अटकलें यह भी लगाई जा रही थीं कि वह भाजपा ज़इन कर सकते हैं। हालांकि इस कयास को खारिज करते हुए शर्मा ने कहा कि यह केवल राजनीतिक अफवाह है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी बदलने नहीं जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र में कथित तौर पर बाहरियों को टिकट देने के मामले में नेताओं में असंतोष साफ झलक रहा है। कई लोगों ने सामने आकर अपनी बात भी रखी है। हालांकि राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पार्टी के इन पसंदीदा उम्मीदवारों के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। राज्यसभा उम्मीदवारों की लिस्ट में गुलान नबी आजाद, आनंद शर्मा और वीरप्पा मोइली जैसे नेताओं का नाम नहीं है। इन तीनों को ही इस बात की उम्मीद थी कि उन्हें राज्यसभा भेजा जाएगा।
पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ट्वीट कर कहा, हो सकता है मेरी तपस्या में कोई कमी रह गई हो। वहीं इसी ट्वीट पर रिएक्ट करते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व अभिनेत्री नगमा ने कहा, इमरान भाई के आगे मेरी 18 साल की मेहनत कम पड़ गई। नगमा ने कहा, सोनिया जी ने व्यक्तिगत रूप से मुझसे राज्यसभा भेजने का वादा किया था। तब हम सत्ता में नहीं थे। तब से 18 साल हो गए मैं इंतजार कर रही हूं और इमरान भाई को महाराष्ट्र से टिकट मिल गया।