नई दिल्ली। राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में दंगल शुरू हो गया है. सारा हंगामा राज्यसभा के लिए बनाए गए उम्मीदवारों को लेकर है. अब ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के सदस्य विश्वबंधु राय ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है. इससे पहले पवन खेड़ा, नगमा और पृथ्वीराज चह्वाण ने भी राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने पर विरोध जताया था.
इमरान प्रतापगढ़ी पर साधा निशाना
विश्वबंधु राय ने महाराष्ट्र के कोटे से इमरान प्रतापगढ़ी को राज्यसभा चुनाव के लिए भेजने पर कड़े शब्दों में नाराजगी जताई है. सोनिया को लिखे पत्र में विश्वबंधु ने कहा कि दिल्ली में बोरिया-बिस्तर लेकर रहने वाले को ही मुख्य पदों पर नियुक्त किया जाता है.
विश्वबंधु ने अपने पत्र में खुले तौर पर इमरान प्रतापगढ़ी को निशाने पर लिया है. लिखा गया है कि मुरादाबाद से 6 लाख वोटों से हारने के बाद भी इन्हें अल्पसंख्यक विभाग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था.
लिखा है कि, ‘इमरान प्रतापगढ़ी जुम्मा जुम्मा चार दिन पहले पार्टी से जुड़े हैं. मुरादाबाद लोकसभा से 6 लाख के करीब वोटो ” से चुनाव हार चुक हैं. अभी तक एक नगर निगम चुनाव तक नहीं जीतता सके हैं. फिर भी इन्हें अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रिय अध्यक्ष का पद सौंप दिया गया. अब इन्हें राज्यसभा में भी भेजा जा रहा है.’
पूछा गया है कि एक ही शख्स पर पार्टी इतनी मेहरबान क्यों है? क्या इनके मुशायरे में इतनी खूबी है कि पार्टी के अन्य योग्य नेताओं की अनदेखी की जाये?
सोनिया गांधी को भेजे गए पत्र में आगे लिखा है कि इसी तरह पंजाब में नवजोत सिद्धू को प्रदेश का अध्यक्ष बनाकर गलती की गई थी. कहा गया कि सिद्धू भी इमरान की तरह तुकबंदी और शायरी कर लेते थे. ऐसे में क्या पार्टी में पद पाने के लिए अब शायरी आना जरूरी है?
पत्र में यह भी कहा गया है कि महाविकास आघाडी सरकार में वैसे ही कांग्रेसी नेता अपमानित होकर पड़े हैं, अब तो पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी यहां की अनदेखी कर रही है.
पवन खेड़ा ने लिखा था – तपस्या में कुछ कमी रह गई
राज्यसभा चुनाव से पहले नाराजगी जताने वाले विश्वबंधु अकेले नहीं हैं. इससे पहले पवन खेड़ा ने भी ऐसा किया था. उन्होंने राज्यसभा टिकट ना मिलने पर सोशल मीडिया पर लिखा था कि शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई.
इसके बाद एक्ट्रेस और कांग्रेस नेता नगमा ने पवन खेड़ा के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा है कि हमारी भी 18 साल की तपस्या इमरान प्रतापगढ़ी के आगे कम पड़ गई. इन दोनों नेताओं ने राज्यसभा चुनाव के लिए टिकटों के ऐलान पर ज्यादा कुछ तो नहीं कहा है, लेकिन कम शब्दों में ही ये संदेश जरूर दे दिया है कि टिकट वितरण में इनकी अनदेखी की गई है. इसके अलावा पृथ्वीराज चह्वाण ने मांग उठाई थी कि महाराष्ट्र से मुकुल वासनिक को राज्यसभा भेजा जाए.