उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi, Uttar Pradesh) स्थित विवादित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के सर्वे और वीडियोग्राफी का मामला देश की सर्वोच्च अदालत तक पहुँच गया है। सुप्रीम कोर्ट में दी गई याचिका में वाराणसी कोर्ट द्वारा मस्जिद में सर्वे और वीडियोग्राफी कराने के निर्णय को चुनौती दी गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। CJI एनवी रमन्ना (NV Ramana) ने कहा है कि वे पहले फाइलें देखेंगे, फिर फैसला लेंगे। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गया है और मामले को जल्द ही सूचीबद्ध किया जाएगा। वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की तरह ही मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मस्जिद में सर्वे की माँग को लेकर दायर की गई याचिकाओं को वहाँ की स्थानीय कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
सुप्रीम कोर्ट (#SupremeCourt) काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गई है। इस मामले को जल्द ही सूचीबद्ध किया जाएगा। pic.twitter.com/BRUa3gq5iK
— IANS Hindi (@IANSKhabar) May 13, 2022
सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने दायर की है। बताया जा रहा है कि हुजेफा अहमदी ज्ञानवापी केस से नहीं जुड़े हैं। वहीं, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने भी अहमदी के इस मामले से जुड़े होने से इनकार किया है। कमिटी का कहना है कि उनके आधिकारिक वकील का नाम फुजैल अहमद अयूबी है। बता दें कि अहमदी पहले भी धारा-370, गौरी लंकेश, वन रैंक-वन पेंशन और कश्मीर घाटी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं।
अहमदी ने अपनी याचिका में CJI की कोर्ट से अपील की कि शनिवार (14 मई 2022) से सर्वे की कार्रवाई शुरू हो जाएगी, इसलिए इस पर तत्काल सुनवाई की जाए और कम-से-कम यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया जाए। इसके बाद CJI रमन्ना ने कहा, “अभी हमने इस मामले से जुड़े पेपर नहीं देखे हैं। बिना पेपर देखे कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता।”
Plea mentioned before the Supreme Court against a Varanasi court order which allowed the advocate commissioner to survey the Gyanvapi mosque. Supreme Court says it will first look into the files.
— ANI (@ANI) May 13, 2022
उधर, काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर मस्जिद परिसर में सर्वे के बाद मथुरा में भी ईदगाह मस्जिद में सर्वे की जा सकती है। स्थानीय कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की तरह मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से सटे ईदगाह मस्जिद में सर्वे की माँग वाली याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है। इस मामले की सुनवाई अब एक जुलाई को की जाएगी।
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की तरह मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से सटे ईदगाह के सर्वे की मांग को लेकर याचिकाओं को कोर्ट में स्वीकार कर लिया गया है। अब एक जुलाई को इस पर सुनवाई होगी।#varanasi #gyanvyapimosque #mathura https://t.co/5LalOcajqA pic.twitter.com/T9PqKxoYbs
— Hindustan (@Live_Hindustan) May 13, 2022
मथुरा के ईदगाह मस्जिद को लेकर प्रार्थना-पत्र अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह (Mahendra Pratap Singh) ने दायर किया है। उन्होंने कहा है कि शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का अवलोकन कर के कमल, शंख, गदा, ॐ और स्वास्तिक जैसे हिन्दू प्रतीक-चिह्नों के सबूत अदालत के समक्ष पेश किए जाएँ। इस मामले की सुनवाई मंगलवार (10 मई, 2022) को होगी। इससे पहले भी अधिवक्ता महेंद्र प्रताप अदालत के समक्ष इस तरह की माँग रख चुके हैं। दिसंबर 2021 में मथुरा में एक याचिका दायर की गई थी।
इस याचिका में माँग की गई थी कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में स्थित शाही ईदगाह मस्जिद में नमाज पढ़ने पर रोक लगाई जाए। ‘श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति’ ने ये याचिका दायर की थी। अधिवक्ता महेंद्र प्रताप इस संगठन के अध्यक्ष हैं, जिनका कहना है कि ईदगाह में नमाज नहीं पढ़ी जाती थी, लेकिन यहाँ जानबूझ कर पाँच वक्त की नमाज अदायगी शुरू कर दी गई है। उन्होंने इसे हिन्दुओं की संपत्ति करार दिया था।
बता दें कि जिस तरह वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई है, उसी तरह मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को तोड़कर ईदगाह मस्जिद बनाई गई है।