मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने एक बार फिर PM मोदी पर निशाना साधा है। किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने मोदी सरकार पर फिर से भड़ास निकाली। उन्होंने कहा, “इतने किसानों की मौत हो गई, इसके बाद भी कोई शोक संदेश नहीं आया है। हम माँग लेते हैं तो भिखमंगा समझ लेते हैं। यह सरकार हमारी नहीं है। मोदी गुजरात में थे, तब MSP (मैक्सिमम सपोर्ट प्राइस) पर चिट्ठी लिखी थी। अब दिल्ली ने उनको खराब कर दिया। दिल्ली जगह ही ऐसी है। दिल्ली जाने के बाद वह बदल गए।”
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सत्यपाल मलिक यहीं नहीं रुके बल्कि PM मोदी पर जुबानी हमला करते हुए किसानों के बहाने घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “PM मोदी MSP की बातें भूल गए। मैं गवर्नरशिप का पीरियड खत्म होने के बाद पूरे देश में घूमूँगा। किसानों को एकत्रित करूँगा। ताकि आगे हम माँगने वाले नहीं, देने वाले बनें। हम माँगते हैं तो ये हमें भिखमंगा समझते हैं।”
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सत्यपाल मलिक जाट विकास संस्थान की ओर से चूरू जिले के सरदारशहर में आज मंगलवार (8 मार्च, 2022) को जाट जागृति शताब्दी महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। उन्होंने कार्यक्रम में आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों का जिक्र करते हुए कहा, “किसान आंदोलन में 700 किसान मर गए। कोई कुतिया भी मर जाती है, तो दिल्ली से प्रधानमंत्री की चिट्ठी जाती है। लेकिन 700 किसानों के लिए कोई शोक संदेश नहीं गया। 65 से 70 प्रतिशत देश में किसान व मजदूर हैं। इनकी कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। जितनी फसल यह पैदा करते हैं, उसके हर साल दाम कम हो रहे हैं।”
गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले भी सत्यपाल मलिक ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने दावा किया था कि बीजेपी सरकार ने उन्हें राष्ट्रपति पद का लालच दिया और कहा कि चुप रहोगे तो राष्ट्रपति बना दिए जाओगे। साथ ही मलिक ने केंद्र सरकार पर तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का भी आरोप लगाया था।
इससे पहले रविवार (6 मार्च 2022) को भी सत्यपाल मलिक जींद जिले के कंडेला गाँव की खाप और माजरा खाप की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे। इस दौरान उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए लाल किले में तिरंगे का अपमान करने वाले कथित किसानों का भी बचाव किया था।
उन्होंने कहा था, “लाल किले का सपना दिखा दे। ये सब खड़े हो जाएँगे। हुआ भी वही 6 महीने में तो नहीं 10 महीने में ये लाल किले पर चढ़ गए। इसके बाद मैंने केंद्र से कहा कि लाल किले पर हमारा हक है। हमारे लड़कों को दोषी मत बनाओ। इनपर मुक़दमे मत करो। ठीक है चले गए लाल किले पर चढ़ा दिया अपना झंडा। वो कोई पार्टी का झंडा नहीं था। निशान साहब था, जिसके लिए हजारों सिखों ने कुर्बानी दी थी।”
#Meghalaya #Governor #SatyapalMalik defends the unfurling of #NishanSahib flag by some youths at #RedFort. "Stay United and form your own government in next polls", he says while predicting drugging to BJP in western #UPElections2022. #FarmersAgitation. @thetribunechd pic.twitter.com/Yiqiacy0Pr
— Deepender Deswal (@deependerdeswal) March 6, 2022
जींद में सत्यपाल मलिक यहीं नहीं रुके। उन्होंने किसानों को भड़काते हुए कहा था, “अगर आप इकट्ठा नहीं रहोगे, अपने सवालों को नहीं समझोगे तो यही होगा। लड़ने की आदत डालो। दो साल बाद चुनाव है। इकट्ठा होकर वोट करोगे तो ये सब दिल्ली से भाग जाएँगे। किसानों का राज होगा। किसी से कुछ माँगने की जरूरत नहीं होगी। यूपी के चुनाव का नतीजा भले नहीं आया पर मैं पश्चिमी यूपी घूमा हूँ और वहाँ का बता रहा हूँ। किसी गाँव में कोई मंत्री घुस नहीं पाया। स्मृति ईरानी को तो कई किलोमीटर दौड़ाया। मैं ये कहना चाहता हूँ कि राज बदलो, अपना राज बनाओ। लोग तुमसे भीख माँगेंगे, तुम्हें भीख माँगने की जरूरत नहीं होगी।” मलिक ने किसानों को कहा कि लाल किले में अपना झंडा फहराओ।
बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है, जब राज्यपाल मलिक ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। इससे पहले 2 जनवरी को हरियाणा के चरखी दादरी में हुए एक कार्यक्रम में भी कहा था कि वह जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री से मिले तो मेरी पाँच मिनट में ही उनकी लड़ाई हो गई। वे बहुत घमंड में थे।