बजरंग दल कार्यकर्ता की हर्षा की हत्या के मामले में कर्नाटक पुलिस ने सभी 10 आरोपितों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) की धाराएँ लगाई है। 26 वर्षीय हर्षा की हत्या 20 फरवरी 2022 को कर्नाटक के शिवमोगा जिले में चाकू मारकर कर दी गई थी। हत्या के वक्त वे दोस्तों के साथ खाना खाने बाहर निकले थे। हत्या से पहले उन्होंने कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद को लेकर फेसबुक पर पोस्ट किया था।
पुलिस ने किसी बड़ी साजिश का शक होने की वजह से आरोपितों पर यूएपीए की धाराएँ लगाई है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि इस मामले में जो नजर आ रहा है यह उससे कहीं ज्यादा बड़ा मामला है। यूएपीए अधिकतर उन मामलों में लगाया जाता है जहाँ राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला हो या देश के खिलाफ किसी बड़ी साजिश का शक हो। यूएपीए लगने के बाद पुलिस आरोपित को 30 दिनों तक हिरासत में रख सकती है। आम मामलों में पुलिस द्वारा चार्जशीट दाखिल करने की तय सीमा 90 दिनों की होती है, वहीं यूएपीए लगने के बाद चार्जशीट दाखिल करने के लिए 180 दिनों का समय मिलता है।
कर्नाटक सरकार इस मामले को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) को भी सौंप सकती है। शिवमोगा के विधायक और मंत्री केएस ईश्वरप्पा और केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने मामले की जाँच NIA को सौंपने की माँग भी की है। हालाँकि कर्नाटक के गृह मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य की पुलिस जाँच जारी रखेगी। कर्नाटक सरकार ने हर्षा के परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार हर्षा की हत्या सुनियोजित एजेंडे के तहत की गई है। मामले की जाँच सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर की जा रही है।
पुलिस की जाँच में सामने आया था कि हर्षा ने फेसबुक पर हिजाब के ख़िलाफ़ और भगवा शॉल के समर्थन में पोस्ट लिखी थी। इसी को उसकी हत्या के पीछे की वजह बताया जा रहा है। राज्य मंत्री के एस ईश्वरप्पा ने इसके लिए मुसलमान गुंडों को जिम्मेदार बताया था। इस हत्या के बाद सोशल मीडिया पर मंगलुरु मुस्लिम द्वारा 2015 में किया गया एक पोस्ट भी वायरल हुआ था। इसके आधार पर दावा किया गया था कि हर्षा मुस्लिम कट्टरपंथियों की हिट लिस्ट में थे। इस पोस्ट में कथित तौर पर लिखा था, “हिंदुत्व आतंकवादी समूह के सदस्य हर्ष ने पैगंबर मोहम्मद और अल्लाह को निशाना बनाते हुए आपत्तिजनक पोस्ट डाले हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पवित्र काबा की मॉर्फ्ड तस्वीरें साझा की हैं। हम शिवमोगा के लोगों से अनुरोध करते हैं कि उनके खिलाफ नजदीकी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करें और इसे ‘उचित उपचार’ भी दें। करावली (तटीय कर्नाटक) के भाइयों, कृपया विभिन्न पुलिस स्टेशनों में हर्षा के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज करें ताकि वह अपना बचा हुआ जीवन पुलिस स्टेशन और अदालत के अंदर बिताए। उसके बारे में अधिक जानकारी के लिए इनबॉक्स में एक टेक्स्ट छोड़ें। इस छवि और जानकारी को साझा करें।”