पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आने वाले हैं, लेकिन कांग्रेस में परिणाम के बाद के हालातों पर अभी से मंथन होने लगा है। दरअसल ज्यादातर एग्जिट पोल में कांग्रेस के सत्ता से बाहर जाने और आप की सरकार बनने का अनुमान जाहिर किया गया है। इसके चलते कांग्रेस की टेंशन बढ़ी दिख रही है। सोमवार को एग्जिट पोल के दिन चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस कार्यालय पर सन्नाटा पसरा दिखा। यहां तक कि मनीष तिवारी जैसे नेता पहले ही नवजोत सिंह सिद्धू पर ठीकरा फोड़ने में जुटे हैं। भले ही केंद्रीय नेतृत्व ने रिजल्ट आने तक इंतजार की बात कही है, लेकिन स्टेट यूनिट पहले ही सिर फुटव्वल के मूड में है।
सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों पंजाब को लेकर टॉप लीडरशिप की एक मीटिंग हुई थी। इसमें दो मुद्दों पर बात हुई थी कि यदि पंजाब में कांग्रेस हारती भी है तो चन्नी को प्रमुख चेहरे के तौर पर बनाए रखा जाएगा। इसकी वजह यह है कि दलित नेता होने के चलते पार्टी उनके जरिए यूपी, राजस्थान, बिहार, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश समेत तमाम राज्यों में लाभ लेना चाहती है। दरअसल भाजपा इन राज्यों में दलित वोट बैंक हासिल करने की कोशिश में है। साफ है कि इस रणनीति में चरणजीत सिंह चन्नी जगह बनाते दिखते हैं।
क्या हार के बाद सिद्धू को किनारे लगा देगी कांग्रेस