संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में भारत ने रूस के खिलाफ लाए प्रस्ताव से दूरी बना ली. इस प्रस्ताव में यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले की निंदा की निंदा की गई थी और यूक्रेन से रूसी सेना की “तत्काल, पूर्ण और बिना शर्त” वापसी की मांग की गई थी. लेकिन रूस ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वीटो कर दिया और ये प्रस्ताव गिर गया.
15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के इस प्रस्ताव के पक्ष में 11 वोट मिले. जबकि भारत, चीन और UAE ने इसका विरोध किया. बता दें कि भारत ने प्रस्ताव पर वोटिंग से परहेज करते हुए एक स्पष्टीकरण जारी किया. लिहाजा भारत ने कूटनीति अपनाने पर जोर दिया. साथ ही भारत ने कहा कि हमें सभी की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करना चाहिए.
शत्रुता को तत्काल समाप्त करना चाहिए
हमले की निंदा करते हुए भारत ने प्रस्ताव पर वोट न करते हुए आह्वान किया कि रूस और यूक्रेन को हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करना चाहिए. बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की थी. इस दौरान भी पीएम मोदी ने पुतिन से हिंसा खत्म करने और बातचीत से हर मुद्दे का समाधान किए जाने पर जोर दिया था.
भारत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देश अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का सम्मान करें, क्योंकि इससे ही एक सही रास्ता निकल सकता है. साथ ही बातचीत से ही मतभेदों और विवादों को निपटाया जा सकता है.
भारत ने संतुलन की स्थिति को जाहिर किया
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने कहा कि यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम व्यथित कर देने वाले हैं. मानव जीवन की कीमत पर कभी भी कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है. बता दें कि इस दौरान भारत ने यूक्रेन में फंसे हुए छात्रों की बात को भी प्रमुखता से रखा. इतना ही नहीं, भारत ने भारत ने इस मामले पर अपनी दृढ़ और संतुलित स्थिति को साफ जाहिर किया. कहा गया कि बातचीत की मेज पर लौटें. इसी से सारे समाधान संभव हैं.
इन देशों ने रूस के खिलाफ किया वोट
रूस के खिलाफ प्रस्ताव के समर्थन में वोट करने वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, अल्बानिया, ब्राजील, गैबॉन, घाना, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको और नॉर्वे हैं.